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गर्भावस्था\प्रसव के बाद बढ़ते वजन और मोटापे को कंट्रोल करने के लिए प्रमुख योगासन कौन -कौन से है ?\What are the main yoga asanas to control increasing weight and obesity after pregnancy/delivery?

ENGLISH TRANSLATION ARE BELOW

दोस्तों आज हम आपके लिए लाये है एक ऐसा इनफार्मेशन वाला आर्टिकल जो हर उस महिला के काम का है जिसने अभी या कभी गर्भावस्था और प्रसव के बाद वजन बढ़ने और मोटापा बढ़ने जैसी समस्याओं का सामना किया है और इन दोनों समस्या से झूजने के बाद भी कोई परिणाम नहीं पा सकी व् निराश हो कर हार मानकर बैठ गई है।    गर्भावस्था और प्रसव के बाद शरीर में कई बदलाव होते हैं और वजन बढ़ना एक सामान्य बात है। 


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लेकिन, योगासन की मदद से आप धीरे-धीरे अपने शरीर को पहले जैसा बना सकते हैं। ये योगासन न सिर्फ आपको फिट रखेंगे बल्कि आपके मन को भी शांत करेंगे। 

दोस्तों हमें आपको यहां कुछ प्रमुख योगासन बताये हैं जो आपको वजन कम और मोटापे को कम करने करने में मदद कर सकते हैं:-

1  अनुलोम-विलोम:-

2 भुजंगासन (कोबरा पोज):-

3 पश्चिमोत्तानासन (सीटिंग फॉरवर्ड बेंड):-

4 उत्तानासन (स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड):-

5 वृक्षासन (ट्री पोज):- 

6 त्रिकोणासन (ट्राइएंगल पोज):-

7 पादहस्तासन (डाउनवर्ड-फेसिंग डॉग):-

8 सर्वांगासन (शोल्डर स्टैंड):- 

9 मत्स्यासन (फिश पोज):-

10  कुंभकासन:-

11 वक्रासन :- 

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1  अनुलोम-विलोम:-


अनुलोम-विलोम एक प्राचीन योगासन है जो नाड़ी शोधन के लिए जाना जाता है। यह प्राणायाम शरीर में वायु संतुलन को बनाए रखने और कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इसके साथ ही यह उन महिलाओं के लिए भी लाभकारी है जो गर्भावस्था और प्रसव के बाद वजन बढ़ने और मोटापा बढ़ने जैसी समस्याओं का सामना कर रही है  

अनुलोम-विलोम कैसे करें?

  • सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं।
  • अपने दाहिने हाथ की अनामिका और मध्यमा उंगली को नाक के बीच में रखें। अंगूठा दाहिनी नासिका पर और तर्जनी बाईं नासिका पर रखें।
  • कुछ क्षण शांत बैठकर श्वास पर ध्यान केंद्रित करें।
  • दाहिनी नासिका को बंद करके बाईं नासिका से गहरी सांस लें।
  • बाईं नासिका को बंद करके दाहिनी नासिका से धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
  • इसी तरह बारी-बारी से दोनों नासिकाओं से सांस लेते हुए चक्र पूरा करें।
  • कुछ क्षण शांत बैठकर श्वास पर ध्यान केंद्रित करें।

अनुलोम-विलोम के लाभ:-

  • मन को शांत करता है और तनाव को कम करता है।
  • पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
  • अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी यानि स्वास से सम्बंधित बीमारियों में लाभदायक होता है।
  • उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
  • सिरदर्द और माइग्रेन से राहत दिलाता है।
  • शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
  • नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है।

अनुलोम-विलोम कब व किन लोगो को नहीं करना चाहिए ?

  • हृदय रोग से पीड़ित लोग
  • उच्च रक्तचाप के रोगी
  • गर्भवती महिलाएं(0-9 माह तक की महिलाये )

इसे सुबह खाली पेट किया जा सकता है और सुबह 4 से 7 के मध्य कभी भी कर सकते है  करने का समय निश्चित नहीं पर 10 - 30 मिनिट का अभ्यास रोज़ करना लाभकारी मान गया है इसका लाभ आपके दुवारा इसे करने की प्रक्रिया पर निभर करती है  

2 भुजंगासन (कोबरा पोज):-

भुजंगासन या कोबरा पोज एक लोकप्रिय योगासन है जो शरीर के ऊपरी हिस्से को मजबूत बनाता है और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है। यह आसन सांप के फन उठाने की मुद्रा जैसा दिखता है, इसलिए इसे भुजंगासन कहा जाता है।

भुजंगासन करने का तरीका:-

  • पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। पैरों को कूल्हों की चौड़ाई पर रखें और पैरों के अंगूठे एक दूसरे को छू रहे हों। हथेलियों को कंधों के नीचे जमीन पर रखें, उंगलियां आगे की ओर हों।
  • गहरी सांस लेते हुए, धीरे-धीरे अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाएं। नजर सीधे आगे की ओर रखें। कोहनियों को मोड़ा हुआ रखें, लेकिन उन्हें बहुत ज्यादा न मोड़ें।
  • कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें। धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए, अपनी छाती को वापस जमीन पर लाएं।

भुजंगासन के लाभ:-

  • यह आसन पीठ और गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और पीठ के दर्द को कम करने में मदद करता है।
  • भुजंगासन पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद करता है।
  • यह आसन छाती को खोलता है और सांस लेने की क्षमता को बढ़ाता है।
  • भुजंगासन तनाव को कम करने और मन को शांत करने में मदद करता है।
  • यह आसन थायरॉइड ग्रंथि को उत्तेजित करता है और हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है।

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किन लोगो को नहीं करना चाहिए ?

  • गर्भवती महिलाओं को भुजंगासन नहीं करना चाहिए।
  • जिन लोगों को कलाई, गर्दन या पीठ में चोट लगी हो, उन्हें भी इस आसन को करने से बचना चाहिए।
  • हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को डॉक्टर की सलाह के बाद ही यह आसन करना चाहिए।

इसे सुबह खाली पेट किया जा सकता है और सुबह 4 से 7 के मध्य कभी भी कर सकते है  करने का समय निश्चित नहीं पर 10 - 30 मिनिट का अभ्यास रोज़ करना लाभकारी मान गया है इसका लाभ आपके दुवारा इसे करने की प्रक्रिया पर निभर करती है  

3 पश्चिमोत्तानासन (सीटिंग फॉरवर्ड बेंड):-

पश्चिमोत्तानासन एक बहुत ही प्रभावी योगासन है जो पूरे शरीर को लाभ पहुंचाता है। इसे अक्सर "सीटिंग फॉरवर्ड बेंड" भी कहा जाता है। इस आसन में हम आगे की ओर झुकते हैं, जिससे हमारे शरीर के पीछे के हिस्से, खासकर रीढ़ की हड्डी और हैमस्ट्रिंग्स में खिंचाव होता है।

पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका:-

  • सीधे बैठ जाएं और पैरों को सामने की ओर फैलाएं। पैरों की उंगलियों को अपनी ओर खींचें।
  • सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और खींचें। सांस छोड़ते हुए, कमर से आगे की ओर झुकें। कोशिश करें कि अपनी पीठ को गोल न करें, बल्कि इसे लंबा रखें।
  • अपने हाथों से पैरों को, पैरों की उंगलियों को या जहां तक पहुंच पाएं वहां तक पकड़ें।
  • इस स्थिति में कुछ सेकंड के लिए रहें। सांस लेते हुए धीरे-धीरे ऊपर आ जाएं।

पश्चिमोत्तानासन के लाभ:-

  • यह आसन पीठ की मांसपेशियों और हैमस्ट्रिंग्स को खींचकर उन्हें लचीला बनाता है।
  • पश्चिमोत्तानासन पेट के अंगों की मालिश करता है जिससे पाचन बेहतर होता है।
  • यह आसन तनाव को कम करने और मन को शांत करने में मदद करता है।
  • महिलाओं में मासिक धर्म के दर्द को कम करने में मददगार होता है।
  • यह आसन नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है।

    किन लोगो को नहीं करना चाहिए:-

    • अगर आपको पीठ या गर्दन में चोट है तो यह आसन न करें।
    • गर्भवती महिलाओं (0 से 9 माह तक ) को इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
    • अगर आपको हैमस्ट्रिंग्स में बहुत ज्यादा जकड़न है तो धीरे-धीरे इस आसन को करें।

    4 उत्तानासन (स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड):-


    उत्तानासन एक ऐसा योग आसन है जो पूरे शरीर को लाभ पहुंचाता है। इसे अक्सर "स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड" या "खड़े होकर आगे झुकना" भी कहा जाता है। इस आसन में हम खड़े होकर आगे की ओर झुकते हैं, जिससे हमारे शरीर के पीछे के हिस्से, खासकर रीढ़ की हड्डी और हैमस्ट्रिंग्स में खिंचाव होता है।

      उत्तानासन कैसे करे:-

      • सीधे खड़े हो जाएं और पैरों को कूल्हों की चौड़ाई पर रखें। हाथों को कूल्हों पर रखें।
      • सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और खींचें। सांस छोड़ते हुए, कमर से आगे की ओर झुकें। कोशिश करें कि अपनी पीठ को गोल न करें, बल्कि इसे लंबा रखें।
      • अपने हाथों से अपने पैरों को, पैरों की उंगलियों को या जहां तक पहुंच पाएं वहां तक पकड़ें।
      • इस स्थिति में कुछ सेकंड के लिए रहें। सांस लेते हुए धीरे-धीरे ऊपर आ जाएं।

      उत्तानासन के लाभ:-

      • यह आसन पीठ की मांसपेशियों और हैमस्ट्रिंग्स को खींचकर उन्हें लचीला बनाता है।
      • उत्तानासन तनाव को कम करने और मन को शांत करने में मदद करता है।
      • यह आसन पेट के अंगों की मालिश करता है जिससे पाचन बेहतर होता है।
      • महिलाओं में मासिक धर्म के दर्द को कम करने में मददगार होता है।
      • यह आसन सिरदर्द को कम करने में मदद कर सकता है।

        किनको नहीं करना चाहिए:-

        • अगर आपको पीठ या गर्दन में चोट है तो यह आसन न करें।
        • गर्भवती महिलाओं को इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
        • अगर आपको हैमस्ट्रिंग्स में बहुत ज्यादा जकड़न है तो धीरे-धीरे इस आसन को करें।

        इसे सुबह खाली पेट किया जा सकता है और सुबह 4 से 7 के मध्य कभी भी कर सकते है  करने का समय निश्चित नहीं पर 10 - 30 मिनिट का अभ्यास रोज़ करना लाभकारी मान गया है इसका लाभ आपके दुवारा इसे करने की प्रक्रिया पर निभर करती है  

        5 वृक्षासन (ट्री पोज):- 

        वृक्षासन, जिसे अक्सर ट्री पोज के नाम से जाना जाता है, एक बहुत ही लोकप्रिय योगासन है जो संतुलन, स्थिरता और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। यह आसन एक पेड़ की तरह खड़े होने की मुद्रा को दर्शाता है।

        वृक्षासन करने का तरीका:-

        • सीधे खड़े हो जाएं और अपने पैरों को कूल्हों की चौड़ाई पर रखें।
        • अपने दाहिने पैर को घुटने से मोड़ें और अपने बाएं पैर के अंदरूनी हिस्से पर पैर का तलवा रखें। आप अपने पैर को जितना ऊंचा रख सकते हैं, रखें।
        • दोनों हाथों को अपने सामने या सिर के ऊपर जोड़ें। आप अपनी हथेलियों को अपने हृदय के केंद्र में भी रख सकते हैं।
        • इस स्थिति में कुछ सेकंड के लिए रहें। सांस लेते हुए अपने शरीर को स्थिर रखने पर ध्यान दें।
        • इसी तरह, दूसरे पैर से भी यह आसन करें।

        वृक्षासन करने के लाभ:-

        • यह आसन आपके संतुलन और स्थिरता को बेहतर बनाने में मदद करता है।
        • यह आसन आपके पैरों, टखनों और कोर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
        • वृक्षासन आपको वर्तमान क्षण में रहने और अपनी एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है।
        • यह आसन तनाव को कम करने और मन को शांत करने में मदद करता है।
        • नियमित रूप से वृक्षासन करने से आपका आत्मविश्वास बढ़ सकता है।

        यह भी पढ़िए....................टॉप 10 आदिवासी हेयर ऑयल से जुड़े सवाल जवाब ?\Top 10 Adivasi hair oil related questions and answers?

        सावधानियां:-

        • अगर आपको चक्कर आते हैं या संतुलन बनाए रखने में कठिनाई होती है तो इस आसन को करने से बचें।
        • गर्भवती महिलाओं को इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

        इसे सुबह खाली पेट किया जा सकता है और सुबह 4 से 7 के मध्य कभी भी कर सकते है  करने का समय निश्चित नहीं पर 10 - 30 मिनिट का अभ्यास रोज़ करना लाभकारी मान गया है इसका लाभ आपके दुवारा इसे करने की प्रक्रिया पर निभर करती है  

        6 त्रिकोणासन (ट्राइएंगल पोज):-


        त्रिकोणासन, जिसे अक्सर ट्राइएंगल पोज के नाम से जाना जाता है, एक बहुत ही प्रभावी योगासन है जो पूरे शरीर को लाभ पहुंचाता है। यह आसन एक त्रिकोण के आकार में खड़े होने की मुद्रा को दर्शाता है।

        त्रिकोणासन करने का तरीका:-

        • अपने पैरों को कूल्हों की चौड़ाई से अधिक दूरी पर रखें। अपने दाहिने पैर को बाहर की ओर 90 डिग्री के कोण पर मोड़ें और बाएं पैर को अंदर की ओर 45 डिग्री के कोण पर मोड़ें।
        • अपने दोनों हाथों को अपनी कमर पर रखें और सांस लेते हुए उन्हें ऊपर उठाएं।
        • सांस छोड़ते हुए, अपने दाहिने हाथ को अपने दाहिने पैर की एड़ी तक ले जाएं। अपने बाएं हाथ को ऊपर की ओर खींचें।
        • अपनी नजर को अपने ऊपर उठे हुए बाएं हाथ की ओर रखें।
        • इसी तरह, दूसरे पैर से भी यह आसन करें।

        त्रिकोणासन के लाभ:-

        • यह आसन आपके पूरे शरीर को खींचकर लचीला बनाता है।
        • संतुलन और स्थिरता में सुधार: त्रिकोणासन आपके संतुलन और स्थिरता को बेहतर बनाने में मदद करता है।
        • यह आसन आपके पैरों, टखनों और कोर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
        • त्रिकोणासन पेट के अंगों की मालिश करता है जिससे पाचन बेहतर होता है।
        • यह आसन तनाव को कम करने और मन को शांत करने में मदद करता है।

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        सावधानियां:-

        • अगर आपको चक्कर आते हैं या संतुलन बनाए रखने में कठिनाई होती है तो इस आसन को करने से बचें।
        • गर्भवती महिलाओं को इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
        • अगर आपको पीठ या गर्दन में चोट है तो यह आसन न करें।

        इसे सुबह खाली पेट किया जा सकता है और सुबह 4 से 7 के मध्य कभी भी कर सकते है  करने का समय निश्चित नहीं पर 10 - 30 मिनिट का अभ्यास रोज़ करना लाभकारी मान गया है इसका लाभ आपके दुवारा इसे करने की प्रक्रिया पर निभर करती है  

        7 पादहस्तासन (डाउनवर्ड-फेसिंग डॉग):-



        पादहस्तासन, जिसे अक्सर डाउनवर्ड-फेसिंग डॉग के नाम से जाना जाता है, एक बहुत ही उपयोगी योगासन है जो पूरे शरीर को लाभ पहुंचाता है। यह आसन एक कुत्ते की मुद्रा को दर्शाता है, जिसमें हम अपने हाथों और पैरों पर खड़े होकर नीचे की ओर झुकते हैं।

        यह भी पढ़िए.....................जीन एडिटिंग क्या है यह कैसे मददगार है ?\What is gene editing, how is it helpful?

        पादहस्तासन करने का तरीका:-

        • अपने हाथों और घुटनों के बल बैठ जाएं।
        • सांस लेते हुए अपने घुटनों को जमीन से उठाएं और अपने नितंबों को ऊपर की ओर उठाएं।
        • अपने पैरों को जितना हो सके उतना पीछे की ओर फैलाएं।
        • अपने सिर को नीचे की ओर रखें और अपनी एड़ियों को जमीन की ओर दबाएं।
        • इस स्थिति में कुछ सेकंड के लिए रहें। सांस लेते हुए अपने शरीर को स्थिर रखने पर ध्यान दें।

        पादहस्तासन करने से होने वाले लाभ:-

        • यह आसन आपके पूरे शरीर को खींचकर लचीला बनाता है।
        • पादहस्तासन रक्त प्रवाह को बढ़ाकर आपके शरीर को पोषण देता है।
        • यह आसन पेट के अंगों की मालिश करता है जिससे पाचन बेहतर होता है।
        • पादहस्तासन सिरदर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
        • यह आसन तनाव को कम करने और मन को शांत करने में मदद करता है।

        यह भी पढ़िए.....................जानिए होम्योपैथी चिकित्सा में आनुवंशिक रोगों का क्या इलाज किया जाता है इसकी पूरी जानकारी।

        सावधानियां:-

        • अगर आपको कलाई, कंधे या पीठ में चोट है तो यह आसन न करें।
        • गर्भवती महिलाओं को इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

        इसे सुबह खाली पेट किया जा सकता है और सुबह 4 से 7 के मध्य कभी भी कर सकते है  करने का समय निश्चित नहीं पर 10 - 30 मिनिट का अभ्यास रोज़ करना लाभकारी मान गया है इसका लाभ आपके दुवारा इसे करने की प्रक्रिया पर निभर करती है  

        8 सर्वांगासन (शोल्डर स्टैंड):- 


        सर्वांगासन, जिसे अक्सर शोल्डर स्टैंड के नाम से जाना जाता है, एक बहुत ही प्रभावी योगासन है जो पूरे शरीर को लाभ पहुंचाता है। इसे अक्सर "योग की रानी" भी कहा जाता है। इस आसन में हम अपने शरीर को अपने कंधों पर संतुलित करते हैं।

        यह भी पढ़िए...................एलोपैथिक चिकित्सा में हार्ट अटैक का क्या इलाज बताया गया है?\What is heart attack treatment in allopathic medicine ?

        सर्वांगासन करने का तरीका:-

        • अपने पीठ के बल लेट जाएं और अपने पैरों को सीधा रखें।
        • अपने हाथों की मदद से अपने पैरों को ऊपर उठाएं।
        • अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखें और अपने पैरों को सीधा ऊपर की ओर उठाएं।
        • अपने सिर को जमीन पर रखें और अपने हाथों से अपनी पीठ का समर्थन करें।
        • इस स्थिति में कुछ सेकंड के लिए रहें। सांस लेते हुए अपने शरीर को स्थिर रखने पर ध्यान दें।

        सर्वांगासन के लाभ:-

        • सर्वांगासन आपके पूरे शरीर को लाभ पहुंचाता है, जिसमें आपके थायरॉइड ग्रंथि, पाचन तंत्र, रक्त परिसंचरण और तंत्रिका तंत्र शामिल हैं।
        • यह आसन तनाव को कम करने और मन को शांत करने में मदद करता है।
        • सर्वांगासन सिरदर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
        • यह आसन नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।
        • नियमित रूप से सर्वांगासन करने से आपका आत्मविश्वास बढ़ सकता है।

        यह भी पढ़िए....................हार्ट अटैक क्यों आते है जानिए इसके कारण और इससे बचने के उपाय ? \Why do heart attacks occur? Know its causes and ways to avoid it?

        सावधानियां:-

        • अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, गर्दन या कंधे में चोट, या थायरॉइड की समस्या है तो यह आसन न करें।
        • गर्भवती महिलाओं को इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
        • इस आसन को करने के लिए हमेशा किसी योग शिक्षक के मार्गदर्शन में करें।

        इसे सुबह खाली पेट किया जा सकता है और सुबह 4 से 7 के मध्य कभी भी कर सकते है  करने का समय निश्चित नहीं पर 10 - 30 मिनिट का अभ्यास रोज़ करना लाभकारी मान गया है इसका लाभ आपके दुवारा इसे करने की प्रक्रिया पर निभर करती है 

        9 मत्स्यासन (फिश पोज):-


        मत्स्यासन, जिसे अक्सर फिश पोज के नाम से जाना जाता है, एक ऐसा योगासन है जो शरीर के ऊपरी हिस्से, खासकर गर्दन और छाती को खोलता है। यह सर्वांगासन का विपरीत आसन माना जाता है और अक्सर दोनों को एक साथ किया जाता है।

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        मत्स्यासन करने का तरीका:-

        • पीठ के बल लेट जाएं।
        • दोनों हाथों को शरीर के बगल में रखें और हथेलियों को जमीन पर रखें।
        • कोहनियों को मोड़ें और हाथों को पीठ के नीचे स्लाइड करें। एड़ियों को जमीन पर रखें और सिर को ऊपर उठाएं।
        • गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं और सिर के पिछले हिस्से को जमीन पर टिकाएं।
        • नाभि को जमीन की ओर दबाएं।
        • आंखें बंद करें और शांत श्वास लें।

        मत्स्यासन के लाभ:-

        • यह आसन गर्दन और छाती को खोलकर सांस लेने में मदद करता है।
        • यह आसन थायरॉइड ग्रंथि को उत्तेजित करता है।
        • यह आसन पाचन में सुधार करता है और पेट की समस्याओं को कम करता है।
        • मत्स्यासन तनाव कम करने और मन को शांत करने में मदद करता है।
        • यह आसन हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

        यह भी पढ़िए.....................आयुर्वेद विज्ञान में हार्ट अटैक का क्या इलाज है?\What treatment for heart attack in Ayurveda science?

        सावधानियां:-

        • अगर आपको गर्दन, पीठ या कंधों में चोट है तो यह आसन न करें।
        • उच्च रक्तचाप या ग्लौकोमा के रोगियों को इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
        • गर्भवती महिलाओं को इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

        इसे सुबह खाली पेट किया जा सकता है और सुबह 4 से 7 के मध्य कभी भी कर सकते है  करने का समय निश्चित नहीं पर 10 - 30 मिनिट का अभ्यास रोज़ करना लाभकारी मान गया है इसका लाभ आपके दुवारा इसे करने की प्रक्रिया पर निभर करती है 

        10  कुंभकासन:-


        कुंभकासन एक योगासन है जिसमें श्वास को रोकना शामिल होता है। यह प्राणायम तकनीक का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य श्वास को नियंत्रित और विस्तारित करना है।

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        कुंभकासन करने का तरीका:-

        • किसी भी योगासन में आएं, जैसे कि पर्वतासन (माउंटेन पोज) या वीरभद्रासन (वॉरियर पोज)।
        • धीरे-धीरे और गहराई से सांस लें, अपने फेफड़ों को पूरी तरह से भरें।
        • सांस को रोकें और कुछ सेकंड के लिए स्थिर रहें।
        • धीरे-धीरे सांस छोड़ें, अपने फेफड़ों को पूरी तरह से खाली करें।
        • यह प्रकिर्या तीन-चार बार दोराहए 

        कुंभकासन के लाभ:-

        • कुंभकासन आपको श्वास को नियंत्रित करने में मदद करता है।
        • यह आसन ध्यान और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है।
        • कुंभकासन तनाव को कम करने में मदद करता है।
        • यह आसन पाचन में सुधार कर सकता है।

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        सावधानियां:-

        • अगर आपको उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, या सांस लेने में समस्या है तो यह आसन न करें।
        • गर्भवती महिलाओं को इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
        • इस आसन को करने के लिए हमेशा किसी योग शिक्षक के मार्गदर्शन में करें।

        11 वक्रासन :- 

        वक्रासन एक योग आसन है जो रीढ़ की हड्डी को मोड़ता है और आपके शरीर के किनारों को फैलाता है। इसे अक्सर ट्विस्टेड स्पाइनल पोज़ के नाम से भी जाना जाता है।

        वक्रासन कैसे करें:- 

        • सीधे बैठें और अपने पैरों को सामने की ओर फैलाएँ। 
        • अपने दाहिने पैर को मोड़ें और घुटने को अपने बाएँ पैर के बाहर रखें। 
        • अपने धड़ को दाईं ओर घुमाएँ और अपने दाहिने हाथ को अपने पीछे रखें। 
        • अपने बाएँ हाथ को अपने दाहिने पैर के बाहर रखें। 
        • अपने बाएँ पैर को अपने दाहिने हाथ से खींचें और अपने बाएँ हाथ से अपने दाएँ पैर को खींचें।
        • इसी तरह, इस आसन को दूसरे पैर से भी करें। 

        वक्रासन के लाभ:- 

        • यह आसन रीढ़ की हड्डी को मोड़कर उसे लचीला बनाता है। 
        • वक्रासन पेट के अंगों की मालिश करता है जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है। 
        • यह आसन तनाव को कम करने और दिमाग को शांत करने में मदद करता है। 
        • यह आसन पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है। 

        सावधानियां:-

        • अगर आपकी पीठ या गर्दन में चोट है तो यह आसन न करें। 
        • गर्भवती महिलाओं को यह आसन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। 
        • अगर आपको कब्ज या दस्त की समस्या है तो इस आसन को न करें।

        इसे सुबह खाली पेट और सुबह 4 से 7 बजे के बीच कभी भी किया जा सकता है। इसे करने का समय निश्चित नहीं है लेकिन रोजाना 10 से 30 मिनट तक इसका अभ्यास करना फायदेमंद माना जाता है। इसके फायदे आपके द्वारा इसे करने की प्रक्रिया पर निर्भर करते हैं।

        उपरोक्त सभी या 5 -6 योगासनों का नियमित रूप से अभ्यास करने से आपको अधिक लाभ मिलेगा। इन सभी योगासन को सही तरीके से करने के लिए एक योग शिक्षक से सीखें। याद रहे की वजन कम करने में समय लगता है, इसलिए धैर्य रखें और लगातार प्रयास करते रहें।

        अगर आप को दी गई जानकारी पसंद आई हो तो आर्टिकल को शेयर अवश्य करे और पॉजिटिव कमेंट करना ना भूले और हेल्थ रेलटेड आर्टिकल पढ़ने के लिए हमे फॉलो करे और हमारे ब्लॉग को सब्स्क्राइब करे। 

        आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यवाद 

        ENGLISH TRANSLATION

        Friends, today we have brought for you such an informative article which is useful for every woman who has faced problems like weight gain and obesity after pregnancy and delivery and even after fighting with both these problems, could not get any result and got disappointed and gave up. Many changes occur in the body after pregnancy and delivery and weight gain is a normal thing. But, with the help of yoga, you can gradually make your body like before. 

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        These yogasanas will not only keep you fit but will also calm your mind. Friends, here we have told you some major yogasanas which can help you in losing weight and reducing obesity:- 

        1 Anulom-Vilom:-

        2 Bhujangasana (Cobra Pose):-

        3 Paschimottanasana (Seated Forward Bend):-

        4 Uttanasana (Standing Forward Bend):-

        5 Vrikshasana (Tree Pose):-

        6 Trikonasana (Triangle Pose):-

        7 Padahastasana (Downward-Facing Dog):-

        8 Sarvangasana (Shoulder Stand):-

        9 Matsyasana (Fish Pose):-

        10 Kumbhakasana:-

        11 Vakrasana:-

        1 Anulom-Vilom:-

        Anulom-Vilom is an ancient yogasana which is known for Nadi Shodhan. This pranayama helps in maintaining air balance in the body and removing many health problems. Along with this, it is also beneficial for those women who are facing problems like weight gain and obesity after pregnancy and delivery.

        How to do Anulom-Vilom?

        • Sit in Sukhasana or Padmasana.
        • Place the ring finger and middle finger of your right hand in the middle of the nose. Place the thumb on the right nostril and the index finger on the left nostril.
        • Sit quietly for a few moments and focus on breathing.
        • Close the right nostril and inhale deeply from the left nostril.
        • Close the left nostril and exhale slowly from the right nostril.
        • In the same way, complete the cycle by breathing alternately from both the nostrils.
        • Sit quietly for a few moments and focus on breathing.

        Benefits of Anulom-Vilom:-

        • Calms the mind and reduces stress.
        • Improves digestion.
        • It is beneficial in diseases related to breathing like asthma, bronchitis.
        • Helps in controlling high blood pressure.
        • Gives relief from headache and migraine.
        • Increases the body's immunity.
        • Improves the quality of sleep.

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        When and who should not do Anulom-Vilom?

        • People suffering from heart disease
        • Hypertension patients
        • Pregnant women (women up to 0-9 months)

        It can be done on an empty stomach in the morning and anytime between 4 to 7 in the morning. The time to do it is not fixed but practicing it for 10 - 30 minutes daily has been considered beneficial. Its benefits depend on the process of doing it by you.

        2 Bhujangasana (Cobra Pose):-

        Bhujangasana or Cobra Pose is a popular yoga asana that strengthens the upper body and makes the spine flexible. This asana resembles the posture of a snake raising its hood, hence it is called Bhujangasana.

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        How to do Bhujangasana:-

        • Lie on the ground on the stomach. Keep the feet hip-width apart and the toes of the feet touching each other. Place the palms on the ground under the shoulders, fingers facing forward.
        • Taking a deep breath, slowly raise your chest above the ground. Keep the gaze straight ahead. Keep the elbows bent, but do not bend them too much.
        • Stay in this position for a few seconds. Exhale slowly, bring your chest back to the ground.

        Benefits of Bhujangasana:-

        • This asana strengthens the back and neck muscles and helps in reducing back pain.
        • Bhujangasana stimulates the digestive system and helps in relieving constipation.
        • This asana opens the chest and increases breathing capacity.
        • Bhujangasana helps in reducing stress and calming the mind.
        • This asana stimulates the thyroid gland and helps in balancing hormones.

        Who should not do it?

        • Pregnant women should not do Bhujangasana.
        • People who have wrist, neck or back injuries should also avoid doing this asana.
        • High blood pressure patients should do this asana only after consulting a doctor.

        It can be done on an empty stomach in the morning and can be done anytime between 4 to 7 in the morning. The time to do it is not fixed but practicing it for 10-30 minutes daily has been considered beneficial. Its benefits depend on the process of doing it by you.

        3 Paschimottanasana (Sitting Forward Bend):-

        Paschimottanasana is a very effective yoga asana that benefits the whole body. It is also often called "Seated Forward Bend". In this asana, we bend forward, which stretches the back part of our body, especially the spine and hamstrings.

        How to do Paschimottanasana:-

        • Sit up straight and stretch the legs in front. Pull the toes towards you.
        • While breathing, raise both hands up and stretch. While exhaling, bend forward from the waist. Try not to round your back, but keep it long.
        • Hold the feet, toes or as far as you can reach with your hands.
        • Stay in this position for a few seconds. Slowly come up while breathing.

        Benefits of Paschimottanasana:-

        • This asana stretches the back muscles and hamstrings and makes them flexible.
        • Paschimottanasana massages the abdominal organs, which improves digestion.
        • This asana helps in reducing stress and calming the mind.
        • It is helpful in reducing menstrual pain in women.
        • This asana improves the quality of sleep.

        Who should not do it:-

        • If you have a back or neck injury, do not do this asana.
        • Pregnant women (0 to 9 months) should consult a doctor before doing this asana.
        • If you have a lot of stiffness in your hamstrings, do this asana slowly.

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        4 Uttanasana (Standing Forward Bend):-

        Uttanasana is a yoga asana that benefits the whole body. It is often also called "standing forward bend" or "standing forward bend". In this asana, we stand and bend forward, which stretches the back part of our body, especially the spine and hamstrings.

        How to do Uttanasana:-

        • Stand straight and keep the feet hip-width apart. Place the hands on the hips.
        • Inhale and lift both hands up and stretch. Exhale, bend forward from the waist. Try not to round your back, but keep it long.
        • Hold your feet, toes or as far as you can reach with your hands.
        • Stay in this position for a few seconds. Slowly come up while breathing.

        Benefits of Uttanasana:-

        • This asana stretches the back muscles and hamstrings and makes them flexible.
        • Uttanasana helps to reduce stress and calm the mind.
        • This asana massages the abdominal organs which improves digestion.
        • It is helpful in reducing menstrual pain in women.
        • This asana can help in reducing headaches.

        Who should not do it:-

        • If you have back or neck injury, do not do this asana.
        • Pregnant women should consult a doctor before doing this asana.
        • If you have a lot of stiffness in your hamstrings, do this asana slowly.

        It can be done on an empty stomach in the morning and can be done anytime between 4 to 7 in the morning. The time to do it is not fixed but practicing it for 10 - 30 minutes daily has been considered beneficial. Its benefits depend on the process of doing it by you.

        5 Vrikshasana (Tree Pose):-

        Vrksasana, often known as Tree Pose, is a very popular yoga asana that helps in increasing balance, stability and concentration. This asana shows the posture of standing like a tree.

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        How to do Vrksasana:-

        • Stand straight and keep your feet at hip-width.
        • Bend your right leg at the knee and place the sole of the foot on the inner side of your left leg. Keep your foot as high as you can.
        • Join both hands in front of you or above the head. You can also place your palms at the center of your heart.
        • Stay in this position for a few seconds. Focus on keeping your body steady while breathing.
        • Similarly, do this asana with the other leg as well.

        Benefits of doing Vrksasana:-

        • This asana helps in improving your balance and stability.
        • This asana strengthens the muscles of your legs, ankles and core.
        • Vrksasana helps you to stay in the present moment and increase your concentration.
        • This asana helps in reducing stress and calming the mind.
        • Doing Vrikshasana regularly can increase your confidence.

        Precautions:-

        • If you feel dizzy or have difficulty in maintaining balance, avoid doing this asana.
        • Pregnant women should consult a doctor before doing this asana.

        It can be done on an empty stomach in the morning and can be done anytime between 4 to 7 in the morning. The time to do it is not fixed, but practicing it for 10 - 30 minutes daily has been considered beneficial. Its benefits depend on the process of doing it by you.

        6 Trikonasana (Triangle Pose):-

        Trikonasana, often known as Triangle Pose, is a very effective yoga asana that benefits the entire body. This asana refers to a standing posture in the shape of a triangle.

        How to do Trikonasana:-

        • Keep your feet hip-width apart. Turn your right foot outwards at a 90-degree angle and the left foot inwards at a 45-degree angle.
        • Place both your hands on your waist and raise them up while inhaling.
        • Exhale, move your right hand to the heel of your right foot. Pull your left hand upwards.
        • Keep your gaze directed towards your raised left hand.
        • Similarly, do this asana with the other leg as well.

        यह भी पढ़िए\Also read ...................कैसे घरेलू नुस्को से सूंदर और चमकदार त्वचा पा सकते है ?\How can you get beautiful and glowing skin with home remedies?

        Benefits of Trikonasana:-

        • This asana stretches your entire body and makes it flexible.
        • Improves balance and stability: Trikonasana helps to improve your balance and stability.
        • This asana strengthens your legs, ankles and core muscles.
        • Trikonasana massages the abdominal organs which improves digestion.
        • This asana helps in reducing stress and calming the mind.

        Precautions:-

        • If you feel dizzy or have difficulty in maintaining balance, avoid doing this asana.
        • Pregnant women should consult a doctor before doing this asana.
        • If you have a back or neck injury, do not do this asana.

        It can be done on an empty stomach in the morning and can be done anytime between 4 to 7 in the morning. The time to do it is not fixed but practicing it for 10 - 30 minutes daily has been considered beneficial. Its benefits depend on the process of doing it by you.

        7 Padahastasana (Downward-Facing Dog):-

        Padahastasana, often known as Downward-Facing Dog, is a very useful yoga asana that benefits the entire body. This asana shows a dog pose, in which we stand on our hands and feet and bend downwards.

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        How to do Padahastasana:-

        • Sit on your hands and knees.
        • Breathing in, lift your knees off the ground and lift your buttocks upwards.
        • Extend your legs as far back as you can.
        • Keep your head down and press your heels towards the ground.
        • Stay in this position for a few seconds. Focus on keeping your body steady while breathing.

        Benefits of doing Padahastasana:-

        • This asana stretches and makes your entire body flexible.
        • Padhastasana nourishes your body by increasing blood flow.
        • This asana massages the abdominal organs which improves digestion.
        • Padhastasana can help reduce headaches.
        • This asana helps in reducing stress and calming the mind.

        Precautions:-

        • If you have wrist, shoulder or back injury then do not do this asana.
        • Pregnant women should consult a doctor before doing this asana.

        It can be done on an empty stomach in the morning and can be done anytime between 4 to 7 in the morning. The time to do it is not fixed but practicing it for 10-30 minutes daily is considered beneficial. Its benefits depend on the process of doing it by you.

        8 Sarvangasana (Shoulder Stand):-

        Sarvangasana, often known as Shoulder Stand, is a very effective yoga asana that benefits the entire body. It is also often called the "Queen of Yoga". In this asana, we balance our body on our shoulders.

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        How to do Sarvangasana:-

        • Lie on your back and keep your legs straight.
        • Lift your legs up with the help of your hands.
        • Place your hands under your shoulders and lift your legs straight upwards.
        • Place your head on the ground and support your back with your hands.
        • Stay in this position for a few seconds. Focus on keeping your body steady while breathing.

        Benefits of Sarvangasana:-

        • Sarvangasana benefits your entire body, including your thyroid gland, digestive system, blood circulation, and nervous system.
        • This asana helps reduce stress and calm the mind.
        • Sarvangasana can help reduce headaches.
        • This asana can improve sleep quality.
        • Doing Sarvangasana regularly can increase your confidence.

        Precautions:-

        • If you have high blood pressure, heart disease, neck or shoulder injury, or thyroid problems, do not do this asana.
        • Pregnant women should consult a doctor before doing this asana.
        • Always do this asana under the guidance of a yoga teacher.

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        It can be done on an empty stomach in the morning and can be done anytime between 4 to 7 in the morning. The time to do it is not fixed, but practicing it for 10 - 30 minutes daily has been considered beneficial. Its benefits depend on the process of doing it by you.

        9 Matsyasana (Fish Pose):-

        Matsyasana, often known as the Fish Pose, is a yoga asana that opens up the upper body, especially the neck and chest. It is considered the opposite asana of Sarvangasana and both are often done together.

        How to do Matsyasana:-

        • Lie on your back.
        • Keep both hands beside the body and place the palms on the ground.
        • Bend the elbows and slide the hands down the back. Keep the heels on the ground and lift the head up.
        • Bend the neck backward and rest the back of the head on the ground.
        • Press the navel towards the ground.
        • Close the eyes and breathe calmly.

        Benefits of Matsyasana:-

        • This asana helps in breathing by opening the neck and chest.
        • This asana stimulates the thyroid gland.
        • This asana improves digestion and reduces stomach problems.
        • Matsyasana helps in reducing stress and calming the mind.
        • This asana helps in keeping the heart healthy.

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        Precautions:-

        • If you have neck, back or shoulder injury then do not do this asana.
        • Patients of high blood pressure or glaucoma should consult a doctor before doing this asana.
        • Pregnant women should consult a doctor before doing this asana.

        It can be done on an empty stomach in the morning and can be done anytime between 4 to 7 in the morning. The time to do it is not fixed but practicing it for 10-30 minutes daily is considered beneficial. Its benefits depend on the process of doing it by you.

        10 Kumbhakasana:-

        Kumbhakasana is a yoga pose that involves holding the breath. It is a part of the pranayama technique, which aims to control and expand the breath.

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        How to do Kumbhakasana:-

        • Come into any yoga pose, such as Parvatasana (Mountain Pose) or Virabhadrasana (Warrior Pose).
        • Breathe in slowly and deeply, filling your lungs completely.
        • Hold the breath and remain still for a few seconds.
        • Exhale slowly, emptying your lungs completely.
        • Repeat this process three to four times.

        Benefits of Kumbhakasana:-

        • Kumbhakasana helps you control breathing.
        • This asana helps increase focus and concentration.
        • Kumbhakasana helps reduce stress.
        • This asana can improve digestion.

        Precautions:-

        • Do not do this asana if you have high blood pressure, heart disease, or breathing problems.
        • Pregnant women should consult a doctor before doing this asana.
        • To perform this asana, always do it under the guidance of a yoga teacher.

        11 Vakrasana:-

        Vakrasana is a yoga asana that twists the spine and stretches the sides of your body. It is also often known as the Twisted Spinal Pose.

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        How to do Vakrasana:-

        • Sit up straight and stretch your legs in front.
        • Bend your right leg and place the knee outside your left leg.
        • Rotate your torso to the right and place your right hand behind you. Place your left hand outside your right leg.
        • Pull your left foot with your right hand and pull your right foot with your left hand.
        • Similarly, do this asana with the other leg as well.

        Benefits of Vakrasana:-

        • This asana makes the spine flexible by twisting it.
        • Vakrasana massages the abdominal organs which improves digestion.
        • This asana helps to reduce stress and calm the mind.
        • This asana strengthens the back muscles.

        Precautions:-

        • Do not do this asana if you have a back or neck injury.
        • Pregnant women should consult a doctor before doing this asana.
        • If you have constipation or diarrhea, do not do this asana.

        It can be done on an empty stomach in the morning and anytime between 4 to 7 in the morning. The time to do it is not fixed but practicing it for 10 - 30 minutes daily is considered beneficial. Its benefits depend on the process of doing it by you.

        You will get more benefits by practicing all the above or 5-6 yogasanas regularly. You will get it. Learn from a yoga teacher to do all these yogasanas correctly. Remember that it takes time to lose weight, so be patient and keep trying continuously.

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