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दोस्तों गर्भावधि मधुमेह (Gestational Diabetes) एक ऐसी स्थिति है, जो गर्भावस्था के दौरान विकसित होती है। यह तब होता है जब गर्भवती महिला का रक्त शर्करा (ग्लूकोज) स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है, भले ही गर्भावस्था से पहले उसे मधुमेह न हो। यह स्थिति अक्सर गर्भावस्था के दूसरे या तीसरे तिमाही में प्रकट होती है और इसके लिए हार्मोनल परिवर्तन मुख्य कारण होते हैं।
गर्भावधि मधुमेह के कई अन्य मुख्य कारण \ जोखिम कारक होते हैं, जैसे परिवार में मधुमेह का इतिहास, उच्च रक्तचाप, अधिक वजन या मोटापा, और पहले की गर्भावस्थाओं में गर्भावधि मधुमेह का अनुभव। इस स्थिति के लक्षण आमतौर पर स्पष्ट नहीं होते, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में अत्यधिक प्यास, बार-बार पेशाब आना, थकान, और अधिक भूख लगना शामिल हो सकते हैं। दोस्तों अगर आप गर्भावधि मधुमेह में गर्भवती महिला का समुचित देखभाल और उपचार कर गर्भावधि मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे माँ और बच्चे दोनों की सेहत सुरक्षित रहती है।
तो आइये दोस्तों गर्भावधि मधुमेह बारे में पूरी तरह से चर्चा करते है इस बीमारी के प्रमुख कारण, सम्पूर्ण लक्षण बारे में
1 गर्भावधि मधुमेह क्या होती है?
2 गर्भावधि मधुमेह होने के कारण कौन-कौन से है ?
3 गर्भावधि मधुमेह होने के प्रमुख लक्षण कौन-कौन से है ?
गर्भावधि मधुमेह क्या होती है?
गर्भावधि मधुमेह (Gestational Diabetes) एक प्रकार की मधुमेह (डायबिटीज) है जो गर्भावस्था के दौरान होती है। यह तब होता है जब गर्भवती महिला का रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है, भले ही गर्भावस्था से पहले उसे मधुमेह न हो। यह स्थिति आमतौर पर गर्भावस्था के दूसरे या तीसरे तिमाही में विकसित होती है और बच्चे के जन्म के बाद अक्सर समाप्त हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में यह महिला के जीवन में बाद में टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकती है।
गर्भावधि मधुमेह होने के कारण कौन-कौन से है ?
गर्भावधि मधुमेह (Gestational Diabetes) का मुख्य कारण गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जो शरीर की इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया को प्रभावित करते हैं। इंसुलिन वह हार्मोन है जो शरीर को ब्लड शुगर (ग्लूकोज) को नियंत्रित करने में मदद करता है। गर्भावस्था में प्लेसेंटा द्वारा उत्पादित हार्मोन इंसुलिन के कार्य को कमजोर कर देते हैं, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है।
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हालांकि, कुछ प्रमुख कारण और जोखिम कारक गर्भावधि मधुमेह के विकास में भूमिका निभाते हैं:-1 गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा हार्मोन पैदा करती है जो इंसुलिन के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया को कमजोर कर देती है। इसे इंसुलिन प्रतिरोध कहते हैं। जब शरीर अतिरिक्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता, तो ब्लड शुगर बढ़ जाता है, जिससे गर्भावधि मधुमेह हो सकता है।
2 गर्भवती महिलाओं में इंसुलिन की आवश्यकता सामान्य से तीन गुना अधिक हो सकती है। अगर शरीर इस बढ़ती आवश्यकता को पूरा नहीं कर पाता, तो इंसुलिन प्रतिरोध हो जाता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है।
3 अगर परिवार में किसी को टाइप 2 मधुमेह है, तो गर्भवती महिला को गर्भावधि मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है।
4 25-30 साल की उम्र के बाद गर्भवती महिलाओं में गर्भावधि मधुमेह का जोखिम अधिक होता है, और 35 या उससे अधिक उम्र में यह जोखिम और बढ़ जाता है।
5 गर्भावस्था से पहले अधिक वजन या मोटापा होना गर्भावधि मधुमेह के विकास की संभावना को बढ़ा सकता है। बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 30 से अधिक होने पर इसका जोखिम अधिक होता है।
6 जिन महिलाओं को पहले गर्भावधि मधुमेह हो चुका है, उन्हें अगली गर्भावस्था में इसका पुनः सामना करने की संभावना अधिक होती है।
7 अगर पिछली गर्भावस्था में शिशु का जन्म के समय वजन 4 किलो से अधिक था, तो यह गर्भावधि मधुमेह के लिए एक संकेत हो सकता है।
8 अधिक फैट और शुगर वाला आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी, और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली गर्भावधि मधुमेह का खतरा बढ़ा सकते हैं।
9 जिन महिलाओं को PCOS की समस्या होती है, उनमें गर्भावधि मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि यह स्थिति हार्मोनल असंतुलन से जुड़ी होती है।
10 कुछ जातीय समूहों में गर्भावधि मधुमेह का जोखिम अधिक होता है, जैसे भारतीय, दक्षिण एशियाई, अफ्रीकी-अमेरिकी, हिस्पैनिक, और मूल अमेरिकी महिलाएँ।
गर्भावधि मधुमेह होने के प्रमुख लक्षण कौन-कौन से है ?
1.गर्भावधि मधुमेह से पीड़ित महिलाओं को लगातार प्यास लग सकती है, और वे सामान्य से अधिक पानी पीने की इच्छा महसूस कर सकती हैं।
2.अधिक प्यास के साथ बार-बार पेशाब आना भी गर्भावधि मधुमेह का एक प्रमुख लक्षण हो सकता है। शरीर अतिरिक्त ग्लूकोज से छुटकारा पाने के लिए अधिक मात्रा में मूत्र का उत्पादन करता है।
3.गर्भावधि मधुमेह से पीड़ित महिलाओं को अत्यधिक थकान और कमजोरी का अनुभव हो सकता है, क्योंकि शरीर रक्त शर्करा को ऊर्जा में परिवर्तित करने में सक्षम नहीं होता है।
4.उच्च रक्त शर्करा का स्तर आँखों के लेंस पर असर डाल सकता है, जिससे धुंधला दिखाई देना एक सामान्य लक्षण हो सकता है।
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5.कुछ महिलाएं गर्भावधि मधुमेह होने पर बहुत ज्यादा भूख महसूस कर सकती हैं, क्योंकि उनका शरीर भोजन से पर्याप्त ऊर्जा नहीं प्राप्त कर पाता है।
6.गर्भावधि मधुमेह के कारण महिलाओं को बार-बार योनि, मूत्र मार्ग या त्वचा के संक्रमण का सामना करना पड़ सकता है। यह उच्च शर्करा स्तर के कारण होता है, जिससे संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
7.उच्च रक्त शर्करा के कारण शरीर की हीलिंग क्षमता प्रभावित हो सकती है, जिससे चोट या घाव को भरने में अधिक समय लग सकता है।
9.लगातार मूत्र जाने और अत्यधिक प्यास के कारण मुँह में सूखापन महसूस हो सकता है।
10. कुछ महिलाएं गर्भावधि मधुमेह के कारण जी मिचलाना और उल्टी का अनुभव कर सकती हैं, हालांकि ये लक्षण आमतौर पर गर्भावस्था के अन्य कारणों से भी हो सकते हैं।
कब जांच करानी चाहिए:-
चूंकि गर्भावधि मधुमेह के लक्षण हमेशा स्पष्ट नहीं होते, इसलिए गर्भावस्था के दौरान नियमित ब्लड शुगर टेस्ट करना महत्वपूर्ण होता है, विशेषकर गर्भावस्था के 24 से 28 सप्ताह के बीच। यदि उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
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ENGLISH TRANSLATION
Friends, gestational diabetes is a condition that develops during pregnancy. It occurs when the blood sugar (glucose) level of a pregnant woman becomes higher than normal, even if she did not have diabetes before pregnancy. This condition often appears in the second or third trimester of pregnancy and hormonal changes are the main reason for this.
There are many other main causes \ risk factors of gestational diabetes, such as a history of diabetes in the family, high blood pressure, overweight or obesity, and experience of gestational diabetes in earlier pregnancies. The symptoms of this condition are usually not obvious, but some common symptoms may include excessive thirst, frequent urination, fatigue, and increased hunger. Friends, if you take proper care and treatment of a pregnant woman in gestational diabetes, gestational diabetes can be controlled, which keeps the health of both mother and child safe.
So friends, let's discuss completely about gestational diabetes, about the main causes, complete symptoms of this disease
1 What is gestational diabetes?
2 What are the causes of gestational diabetes?
3 What are the main symptoms of gestational diabetes?
What is gestational diabetes?
Gestational diabetes is a type of diabetes that occurs during pregnancy. It occurs when a pregnant woman's blood sugar level is higher than normal, even if she did not have diabetes before pregnancy. This condition usually develops in the second or third trimester of pregnancy and often resolves after the baby is born, but in some cases it can lead to type 2 diabetes later in the woman's life.
What are the causes of gestational diabetes?
However, some major causes and risk factors play a role in the development of gestational diabetes:-
1 During pregnancy, the placenta produces hormones that weaken the body's response to insulin. This is called insulin resistance. When the body cannot produce extra insulin, blood sugar rises, which can lead to gestational diabetes.
2 Insulin requirements in pregnant women can be three times higher than normal. If the body cannot meet this increased requirement, insulin resistance occurs, which leads to increased blood sugar levels.
3 If someone in the family has type 2 diabetes, the risk of a pregnant woman developing gestational diabetes increases.
4 Pregnant women after the age of 25-30 years have a higher risk of gestational diabetes, and this risk increases further at age 35 or older.
5 Being overweight or obese before pregnancy can increase the risk of developing gestational diabetes. The risk is higher if the body mass index (BMI) is more than 30.
6 Women who have previously had gestational diabetes are more likely to face it again in the next pregnancy.
7 If the baby's birth weight in the previous pregnancy was more than 4 kg, it may be a sign for gestational diabetes.
8 A diet high in fat and sugar, lack of physical activity, and an unhealthy lifestyle can increase the risk of gestational diabetes.
9 Women who have PCOS have an increased risk of gestational diabetes because the condition is associated with hormonal imbalances.
10 Certain ethnic groups have a higher risk of gestational diabetes, such as Indian, South Asian, African-American, Hispanic, and Native American women.
What are the main symptoms of gestational diabetes?
यह भी पढ़िए\also read...................गर्भावस्था\प्रसव के बाद कब और कैसे व्यायाम शुरू करे?\Pregnancy\When and how to start exercise after delivery?
Many cases of gestational diabetes have no specific symptoms, and it is usually detected during routine blood sugar checks. But some women may experience symptoms of gestational diabetes. These symptoms may be similar to those of normal diabetes. The major symptoms may be as follows:-
1.Women suffering from gestational diabetes may feel constantly thirsty, and may feel the desire to drink more water than usual.
2.Frequent urination along with excessive thirst can also be a major symptom of gestational diabetes. The body produces more urine to get rid of excess glucose.
3.Women suffering from gestational diabetes may experience extreme fatigue and weakness, as the body is not able to convert blood sugar into energy.
4.High blood sugar levels can affect the lens of the eyes, making blurred vision a common symptom.
5.Some women may feel very hungry when they have gestational diabetes, as their body is not able to get enough energy from food.
6.Women may face frequent vaginal, urinary tract or skin infections due to gestational diabetes. This is due to high sugar levels, which increases susceptibility to infection.
7.High blood sugar can affect the body's ability to heal, causing cuts or wounds to take longer to heal.
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8.Gestational diabetes can cause abnormal or excessive weight gain during pregnancy, which is usually identified during monitoring by a doctor.
9.Dry mouth may feel due to frequent urination and excessive thirst.
10.Some women may experience nausea and vomiting due to gestational diabetes, although these symptoms can usually occur due to other reasons in pregnancy.
When to get tested:-
Since the symptoms of gestational diabetes are not always obvious, it is important to have regular blood sugar tests during pregnancy, especially between 24 and 28 weeks of pregnancy. If any of the above symptoms appear, a doctor should be consulted immediately.
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