दोस्तों पिछले आर्टिकल में हमने आपको उच्च रक्तचाप का कारण,प्रभाव, लक्षण और घरेलू उपचार के बारे में बताया था आज के आर्टिकल में हम आपको निम्न रक्त चाप के बारे पूरी तरह चर्चा करेंगे की निम्न रक्तचाप का कारण,प्रभाव, लक्षण और घरेलू उपचार क्या-क्या है। निम्न रक्त चाप व्यक्ति के भोजन न करने से अथवा अधिक आयु होने से निम्न रक्त चाप होता है । यानी कि बुढ़ापे में सामान्य रूप से बीमारी होती है । पाचन तन्त्र ठीक न होने से या अधिक सहवास से भी यह बीमारी होती है.
यह भी पढ़िए\Also read...................भारतीय आयुर्वेद के अनुसार उच्च रक्तचाप का कारण ,प्रभाव, लक्षण और उपचार ?\Causes, effects, symptoms and treatment of high blood pressure according to Indian Ayurveda?
निम्न रक्त चाप के कारण:-
निम्न रक्त चाप के लक्षण:-
निम्न रक्त चाप के घरेलू उपचार:-
निम्न रक्त चाप के कारण:-
- अत्यधिक दुर्बलता या मानसिक आघात या सदमा ।
- अत्यधिक शारीरिक एवं मानसिक परिश्रम |
- शरीर से किसी कारण अधिक खून बह जाना ।
- टायफाइड या अधिक उपवास के कारण ।
- शरीर में खून की कमी या सोडियम की कमी के कारण ।
- महिलाओं में कई वर्षों तक अधिक मासिक धर्म आने से ।
- पाचन शक्ति की कमी व भरपूर खाना न मिलने से ।
- थायराइड के कारण ।
निम्न रक्त चाप के लक्षण:-
- सिर में दर्द होना या याद्दाश्त कम होना ।
- शरीर में कमजोरी महसूस होना और चक्कर आना ।
- अधिक परिश्रम करने से शरीर में कम्पन होना ।
- कोई भी काम करने का मन न करना ।
- थोड़ी देर एक जगह बैठने के बाद खड़े होने पर आँखों के आगे अंधेरा सा छाना ।
- मानसिक रूप से असफलता , निराशा और हताशा से भी निम्न रक्त चाप हो सकता है।
- चक्कर आना , थकान होना , नाड़ी धीरे चलना , मानसिक तनाव , हाथ पैर ठंडे पडनानिम्न रक्त चाप के लक्षण हैं ।
- रक्त दबाव की स्थिति में सांस बहुत तेज चलती है , थकावट बहुत लगती है , धूप बहुत लगती है , पसीना बहुत आता है , मन में तनाव बहुत रहता है , नींद नहीं आती है रक्त दबाव में धमनियों पर दबाव पड़ता है ।
निम्न रक्त चाप के घरेलू उपचार:-
- 1 गिलास पानी में 20 ग्राम गुड़ , थोड़ा सा काला या सेंधा नमक और नींबू निचोड़कर दिन में 2 से बार पियें।
- अनार के रस में थोड़ा नमक डालकर पियें।
- गन्ने के रस में थोड़ा नमक डालकर पियें।
- सन्तरे के रस में थोड़ा नमक डालकर पियें।
- अनानास के रस थोड़ा नमक डालकर पियें
- गुड़ , मिश्री मक्खन और काली मिर्च मिलाकर लें , एक गिलास गाय के दूध में एक चम्मच घी डालकर रोज रात में सोते समय पियें।
- पानी में नमक डालकर या गुड़ और नमक दोनों डालकर पियें।
- कच्चे लहसुन का प्रयोग अधिकांश करें, एक या दो कली रोज दातों से कुचलकर खायें । इससे रक्त प्रवाह ठीक रहता है ।
- अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से आराम मिलता है या अर्जुन की छाल के पाऊडर को दूध में मिलायें तथा गुड़ डालकर पियें।
- एक तोला मैथी दाना लेकर उसका काढ़ा बनायें इसमें शहद मिलाकर चाय की तरह पियें रोग दूर हो जायेगा।
- अनार का रस , मिश्री डालकर पिए लाभ पहुँचाता है ।
- चुकन्दर का रस नमक डालकर नियमित पीने से लाभ होता है ।
- प्रतिदिन प्याज का सेवन करते रहने से रक्त चाप की समस्या प्रायः नहीं होती है ।
यह भी पढ़िए\Also read....................त्रिफला चूर्ण बनाने की सही विधि कौन सी है .इस का सेवन किस समय या कैसे करना स्वास्थ्यवर्धक रहता है\What is the correct method of preparing Triphala powder? At what time or how is it healthy to consume it?
0 टिप्पणियाँ