दोस्तों हमने आपको पिछले दो आर्टिकल्स में उच्च और निम्न रक्तचाप बारे में पूरा विवरण देने की कोशिश की है इन आर्टिकल में हमने आपको उच्च और निम्न रक्तचाप के कारण , लक्षण , प्रभाव और आयुर्वेदिक तथा घरेलु उपचार के बारे में सझाने का पूर्णरूपेण कोशिश की है। आज हम आपको बताने वाले है एक भारतीय आयुर्वेदिक बी.पी नापने का तरीका।
दोस्तों आजकल एक इलैक्ट्रॉनिक उपकरण आ गया है जो लगभग एक सौ या सवा सौ का है । वह सीधे बता देता है कि आप का उच्च रक्त दबाव या निम्न रक्त दबाव कितना है । वो आप चाहे तो खरीद कर रख लें । उसके बॉक्स पर लिखकर आता है कि 72-74 सामान्य है । आप सीधे नाड़ी की गिनती कीजिए । एक मिनट में 72 से 74 है तो सामान्य है । 80 या 80 से ऊपर है तो हाई ( High ) है । 72 से कम है तो लो ( Low ) है । ये सबसे सरल है । यंत्र कभी - कभी खराब हुआ तो धोखा देता है ।
नाड़ी कभी धोखा नहीं देती है । तो नाड़ी पकड़ना सीख लीजिए । मरीज झूठ बोल सकता है लेकिन उसकी नाड़ी कभी झूठ नही बोलेगी । यदि कोई मरीज चलकर आया है तो उसे 10 मिनट बैठने दीजिए । उसके बाद उसका नाड़ी परीक्षण कीजिए । कभी - कभी यंत्र खराब होता है तो बी . पी . 320 तक बता देता है और 320 पर आदमी मर जायेगा कभी बचेगा नहीं ।
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यन्त्र गलती कर सकता है क्योंकि यन्त्र मरा हुआ है और आप का हाथ गलती नहीं कर सकता है क्योंकि आपका हाथ जीवित है । इसमें मैं एक बहुत ही सरल जानकारी देना चाहता हूँ पहले आपको उम्र के हिसाब से बता दूँ कि ब्लड प्रेशर क्या रहना चाहिए । माँ के गर्भ में जो बच्चा है उसका बी.पी. उतना ही होगा जितना उसकी माँ का होगा । आखरी दिन तक जब तक वो अपनी माँ के गर्भ में है । उसका बी . पी . उतना ही होगा जितना उसकी माँ का बी . पी . होगा ।
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जन्म लेने के बाद बच्चे का अपना स्वतंत्र बी . पी . होगा । जन्म लेने से पांचवें साल तक बच्चे के बी.पी. की हायर लिमिट होगी 90 और लोवर लिमिट होगी 53। उसके बाद 5 से 10 साल में बी.पी. की हायर लिमिट होगी 95 और लोवर लिमिट होगी 58। उसके बाद 10 से 15 साल में बी.पी. की हायर लिमिट होगी 100 और लोवर लिमिट होगी 62 । और 15 से 20 साल की रेन्ज में जब बच्चा है तो उसकी हायर लिमिट है 110 और लोवर लिमिट हैं 71। ये सारे आँकड़े भारत के हिसाब से हैं ।
यूरोप में जायेंगे तो ये बदल जायेगा , अमेरिका में बदल जायेगा , कनाड़ा में बदल जायेगा । उसके बाद 20 से 30 साल की उम्र में ब्लड प्रेशर की हायर लिमिट होगी 120 और लोवर लिमिट होगी 80। उसके बाद 30 से 35 साल की उम्र में हायर लिमिट होगी 124 और लोवर लिमिट आ जायेगी 82. 35 से 40 साल की उम्र में ब्लड प्रेशर की हायर लिमिट है 126 और लोवर लिमिट है 84 । 40 से 50 साल की उम्र में बी.पी. की हायर लिमिट है 128 और लोवर लिमिट है 84. फिर उसके बाद 50 से 60 साल की उम्र में हायर लिमिट है 132 और लोवर लिमिट है 86। फिर 60 से 65 साल की उम्र में हायर लिमिट है 136 और लोवर लिमिट है 88 । फिर 65 से 80 साल की उम्र में हायर लिमिट है 140 और लोवर लिमिट है 90. 80 से ऊपर की उम्र में हायर लिमिट है 145 और लोवर लिमिट है 92.
हमारे भारत के तापमान और तासीर के हिसाब से बी.पी. मापने की स्थिति में भी 5 प्लस माइनस हो सकता है । जैसे- 80 ऐज ग्रुप की हायर रेन्ज है । 145 और लोवर है 92 तो इस ग्रुप की हायर लिमिट 140 भी हो सकती है । और 150 भी हो सकती है उसी प्रकार लोवर लिमिट 92 से 97 भी हो सकती है 82 से 87 भी हो सकती है ।
ऐसा सभी ऐज ग्रुप में हो सकता है । ऐसी स्थिति में मरीज को स्वस्थ ही मानना । प्लस - माइनस 5 किसी भी देश में नहीं चलता है लेकिन भारत में चलता है । ब्लड प्रेशर जन्म से लेकर 20 साल तक बहुत तेजी से बढ़ता है और 20 की उम्र से लेकर मरने की उम्र तक बहुत धीरे - धीरे बढ़ता है । इसका सीधा सा मतलब यह है कि जन्म से लेकर 20 साल तक शरीर के हर अंग की वृद्धि हो रही है ।
ब्रेन का विकास हो रहा है , हड्डियों का डेवलपमेन्ट / विकास हो रहा है , हार्मोन्स बढ़ रहे हैं , मज्जा बढ़ रही है , रक्त बढ़रहा है । 20 से 21 जाते - जाते ये सारे डेवलपमेन्ट / विकास रूक जाते हैं । जब शरीर के डेवलपमेन्ट / विकास का स्टेज होता है तो शरीर का बी.पी. तेजी से बढ़ता है । जब शरीर का यह डेवलपमेन्ट / विकास रूक जाता है तो बी.पी. में तेजी भी स्थिर अवस्था में होती है । कई बार आप जाते हैं और मशीन से चैक कराते हैं और आप बहुत परेशान हैं लेकिन मशीन बताती है कि सब नॉर्मल है । कई बार इसी का उल्टा भी हो जाता है , मशीने एब्नॉर्मल बताती हैं और आप नॉर्मल होते हैं ।
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भारतीय आयुर्वेद में कहा है कि हाथ से बढ़कर कोई यंत्र नहीं है क्योंकि जितनी संवेदन शीलता इस हाथ की उंगलियों में है उतनी किसी यंत्र में नहीं हो सकती है । हमारे भारत के जितने भी डॉक्टर हैं लगभग वह वही सिलेबस पढ़ते हैं जो यूरोप एवं अमेरिका में हैं । जो उसे टैक्स्ट के रूप में बताया गया है और सिखाया गया है तो वह वैसा ही डॉक्टर बनता है । लेकिन भारत की जलवायु के हिसाब से थोड़ा अन्तर डॉक्टर के बताने से भी हो सकता है । क्योंकि जितने भी मानक यूरोप और अमेरिका के टैक्स्ट बुक में दिया गया है वह यूरोप और अमेरिका के जलवायु के आधार पर बनाये गये हैं ।
भारत में गुरूकुल कांगड़ी नाम की एक यूनिवर्सिटी है जिसकी बुक में भारत की जलवायु के आधार पर मानक दिये गये हैं । गुरूकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी आर्य समाज ने बनवाई है और यह बहुत बड़ी यूनिवर्सिटी है । मैं यह अपने दस साल के तजुर्बे से बता रहा हूँ कि जब सीढ़ियां चढ़ते हुये आपको कोई तकलीफ अगर नहीं होती है यानि आराम से यदि सीढ़ियां ( एक फ्लोर तक ) चढ़ते हुये जा रहे हैं तो समझ लीजिए कि आपको बी . पी . की कोई समस्या नहीं है । यानि बी.पी. आपका नार्मल है चाहे रेन्ज जो भी हो । मान लो आपका लोवर बी.पी. 100 है और हायर 150 या 160 है लेकिन आपको सीढ़ियां चढ़ते हुये कोई परेशानी नहीं हो रही है तो समझ लीजिए कि आपका बी.पी. नार्मल है ।
दोस्तों इस आर्टिकल में हमने आपको नाड़ी की सहायता से ब्लड प्रेसर नापना बताया है जिससे आप बिलकुल सही सही ब्लड प्रेसर का पता कर सकते है अगर आपको इस आर्टिकल में बताई गई जानकारी समझ आई और अच्छी लगी हो तो हमारे आर्टिकल को लाइक और शेयर करे।
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