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वात - पित्त - कफ को कैसे बैलेंस करें ताकि बीमारियों से बचा जा सके?\How to balance Vata - Pitta - Kapha so that diseases can be avoided?

ENGLISH TRANSLATION ARE BELOW

दोस्तों पीछे दोनों आर्टिकल्स में हमने वात पित और कफ यानि इन त्रिदोषों के बारे में जाना है अब हम इन तीनो त्रिदोषों को संतुलित करने के उपाय को पढ़ेंगे और समझेंगे। 

यह भी पढ़िए....................वात - पित्त - कफ और त्रिदोष क्या है इनका हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है ? भाग -2 \What are Vata, Pitta, Kapha and Tridosha and what effect do they have on our health? part 2

आयुर्वेद, जो भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, में शरीर और मन के संतुलन को बनाए रखने के लिए तीन मौलिक दोषों: वात, पित्त, और कफ का वर्णन किया गया है। ये त्रिदोष हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नियंत्रित करते हैं। यदि ये दोष संतुलित होते हैं, तो हम स्वस्थ रहते हैं, लेकिन इनके असंतुलन से विभिन्न बीमारियां हो सकती हैं। तो आइये समझते है इन तीनो को संतुलित करने के उपायों के बारे में 

1  वात दोष को संतुलित करने के उपाय

2 पित्त दोष को संतुलित करने के उपाय

3 कफ दोष को संतुलित करने के उपाय

1  वात दोष को संतुलित करने के उपाय

वात दोष का मुख्य गुण हल्कापन और शीतलता होता है। इसका असंतुलन शुष्क त्वचा, अनिद्रा, और चिंता जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। वात दोष को संतुलित रखने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं

1 वात को संतुलित रखने के लिए गर्म, तैलीय, और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें। खिचड़ी, गाजर का सूप, और अदरक का सेवन लाभकारी होता है।

2 नियमित भोजन और सोने के समय का पालन करें। इससे शरीर का बायो-रिद्म स्थिर रहता है और वात संतुलित रहता है।

3 योग और ध्यान जैसे क्रियाकलाप मानसिक शांति प्रदान करते हैं और वात दोष को नियंत्रित रखते हैं। वज्रासन, सुखासन, और ध्यान लाभकारी होते हैं।

4. तिल के तेल से शरीर की मालिश करें। यह वात को संतुलित करने में मदद करता है और शारीरिक और मानसिक शांति प्रदान करता है।

यह भी पढ़िए....................वात - पित्त - कफ और त्रिदोष क्या है इनका हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है ? भाग -1 \What are Vata, Pitta, Kapha and Tridosha and what effect do they have on our health? part 1

2 पित्त दोष को संतुलित करने के उपाय

पित्त दोष का मुख्य गुण तीव्रता और गर्मी होता है। इसका असंतुलन एसिडिटी, त्वचा की समस्याएं, और गुस्सा जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। पित्त दोष को संतुलित रखने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं


1 पित्त को शांत करने के लिए ठंडी, मीठी, और ताज़गी देने वाली चीजें खाएं। तरबूज, खीरा, और दही का सेवन लाभकारी होता है।

2 ध्यान और प्राणायाम जैसे श्वास-प्रश्वास के अभ्यास पित्त को संतुलित करने में सहायक होते हैं। नाड़ी शोधन प्राणायाम विशेष रूप से फायदेमंद होता है।

3 दोपहर की धूप से बचें और ठंडी जगहों पर रहें। पित्त को संतुलित करने के लिए ठंडे पानी से स्नान करें।

4 पित्त दोष वालों को रात में हल्का और सादा भोजन करना चाहिए। भारी और मसालेदार भोजन से बचें।

यह भी पढ़िए....................जीवन में स्वस्थ रहने के नियम कौन - कौन से है ?\What are the rules of staying healthy in life?

3 कफ दोष को संतुलित करने के उपाय

कफ दोष का मुख्य गुण स्थिरता और भारीपन होता है। इसका असंतुलन आलस, मोटापा, और सर्दी जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। कफ दोष को संतुलित रखने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं


1 कफ को संतुलित करने के लिए हल्का, गर्म और मसालेदार भोजन करें। अदरक, काली मिर्च, और हल्दी का सेवन लाभकारी होता है।

2 नियमित व्यायाम करें। यह कफ को संतुलित रखने में सहायक होता है। सुबह की सैर और योगासन, जैसे सूर्य नमस्कार और त्रिकोणासन, लाभकारी होते हैं।

3 शहद कफ दोष को संतुलित करने में मदद करता है। इसे गर्म पानी के साथ लेना फायदेमंद होता है।

4 कफ दोष वालों को भारी, तैलीय, और ठंडे भोजन से बचना चाहिए। इससे कफ दोष और बढ़ सकता है।

यह भी पढ़िए....................कैसे घरेलू नुस्को से सूंदर और चमकदार त्वचा पा सकते है ?\How can you get beautiful and glowing skin with home remedies?

वात, पित्त, और कफ दोषों का संतुलन बनाए रखना स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है। आयुर्वेद के अनुसार, ये त्रिदोष हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रमुख स्तंभ हैं। इनके संतुलन से न केवल बीमारियों से बचाव होता है बल्कि एक समृद्ध और संतुलित जीवन भी संभव होता है। उचित आहार, योग, ध्यान, और नियमित दिनचर्या अपनाकर हम इन त्रिदोषों को संतुलित रख सकते हैं। इससे हम न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त करते हैं। इन सब के अलावा हम अगले आर्टिकल में वात, पित्त, और कफ दोषों जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न - उतर  ले कर  आयंगे जिससे आपके मन में उठे विभिन्न परसनो  के उत्तर मिल जायँगे। 

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आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यवाद 

ENGLISH TRANSLATION ARE BELOW

Friends, in the previous two articles, we have learned about these tridoshas i.e. Vata, Pitta and Kapha. Now we will read and understand the remedy to balance these three tridoshas.


Ayurveda, which is the ancient medical system of India, describes three fundamental doshas: Vata, Pitta, and Kapha to maintain the balance of body and mind. These tridoshas control our physical and mental health. If these doshas are balanced, we remain healthy, but their imbalance can cause various diseases. So let us understand the remedies to balance these three.

1 Measures to balance Vata dosha

2 Measures to balance Pitta dosha

3 Measures to balance Kapha dosha

यह भी पढ़िए\Also read....................जीवन में स्वस्थ रहने के नियम कौन - कौन से है ?\What are the rules of staying healthy in life?

1 Remedies to balance Vata dosha

The main quality of Vata dosha is lightness and coolness. Its imbalance can cause problems like dry skin, insomnia, and anxiety. The following measures can be adopted to keep Vata dosha balanced.

1 To keep Vata balanced, eat hot, oily, and nutrient-rich food. Consuming khichdi, carrot soup, and ginger is beneficial.

2 Follow regular meal and sleep timings. This keeps the body's bio-rhythm stable and Vata balanced.

3 Activities like yoga and meditation provide mental peace and keep Vata dosha in check. Vajrasana, Sukhasana, and meditation are beneficial.

4. Massage the body with sesame oil. It helps balance Vata and provides physical and mental peace.

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2 Remedies to balance Pitta dosha

The main quality of Pitta dosha is intensity and heat. Its imbalance can cause problems like acidity, skin problems, and anger. The following remedies can be adopted to keep Pitta dosha balanced

1 Eat cold, sweet, and refreshing foods to calm Pitta. Consuming watermelon, cucumber, and yogurt is beneficial.

2 Breathing exercises like meditation and pranayama are helpful in balancing Pitta. Nadi Shodhana Pranayama is particularly beneficial.

3 Avoid midday sun and stay in cool places. Take a cold bath to balance pitta.

4 Pitta dosha people should eat light and simple food at night. Avoid heavy and spicy food.

3 Ways to balance Kapha dosha

The main quality of Kapha dosha is stagnation and heaviness. Its imbalance can cause problems like laziness, obesity, and cold. The following measures can be adopted to keep Kapha dosha balanced.

1 Eat light, warm, and spicy food to balance kapha. Consumption of ginger, black pepper, and turmeric is beneficial.

2 Exercise regularly. It helps in keeping kapha balanced. Morning walks and yogasanas, such as Surya Namaskar and Trikonasana, are beneficial.

3 Honey helps in balancing kapha dosha. It is beneficial to take it with warm water.

4 Kapha dosha people should avoid heavy, oily, and cold food. This can further aggravate kapha dosha.

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Maintaining the balance of Vata, Pitta, and Kapha doshas is essential for a healthy life. According to Ayurveda, these tridoshas are the main pillars of our physical and mental health. Their balance not only prevents diseases but also makes a prosperous and balanced life possible. By adopting proper diet, yoga, meditation, and regular routine, we can keep these tridoshas balanced. With this, we not only remain physically healthy but also get mental peace. Apart from all this, in the next article we will bring some important questions related to Vata, Pitta, and Kapha doshas, ​​which will answer the various questions that arise in your mind.

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