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दर्पण में खुद को रोज निहारने से हमारे स्वास्थ्य पर क्या पडता है। पढ़िए पूरा आर्टिकल \What effect does looking at ourselves in the mirror every day have on our health? Read full article

ENGLISH TRANSLATION IS BELOW

ऐसा माना जाता है कि जागने के बाद आपके चेहरे पर आलस होता है और आप नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होते हैं। इसलिए शीशे में चेहरा देखने से यह नकारात्मक ऊर्जा और भी बढ़ जाती है और आपका पूरा दिन अच्छा नहीं बीतता। बेड के ठीक सामने आइना या शीशा कभी नहीं लगाना चाहिए। हमारे मस्तिष्क में मिरर न्युरोन्स होते है जो शीशे की तरह व्यवाहर करते है यानि सामने होने वाले कार्य की नकल करते हैं। 



हमारे मस्तिष्क में उपस्थित मिरर न्युरोन्स आँखो से देखे जाने वाले दृश्य को प्रतिबम्बित करते है। जैसे हम स्वयं को बाहर से देखते है वैसा हि भीतर भी महसुस करते है। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है दपर्ण। दपर्ण न सिर्फ बाहरी सोंदर्य को दृर्शाता है बल्कि आंतरिक सुंदरता भी बढाता है। आइए जानते है दपर्ण में रौजाना खुद को कुछ देर तक निहाने के स्वास्थ्यवर्धक फायदे---

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स्वयं को जान सकेंगे:- 


दपर्ण में देखने से अपनी भावनाआंे कों समझने और व्यक्त करने मे मदद मिलेगी। अपनी भावनाआंे को व्यक्त करने का दपर्ण सबसे शानदार तरीका है। जब आप नकारात्मक बातों सें जुझ रहे हो और आपको लगे कि कोई बात नही सुन रहा हो तो दपर्ण के सामने खडे हो कर अपने आप से बात करें। आपको ऐहसास होगा कि आप एसे नही थे। आप फिर से पोजेटिव एनर्जी बढेगीं।


खुद में अच्छाईयां नजर आएगी:-       


मनोचिकित्सको का मानना है कि यदि दिन की शुरुआत रोजाना 5 सैकंड दपर्ण को देखकर मुस्कुराने से कि जाए तोे इससे दपर्ण न्युरोन्स सक्रीय होते है। यह शरीर में सकारात्मक हार्माेन्स का स्तर बढाते है। इससे नकारात्मक विचार दुर होते है। कहि बार व्यक्ति बाहरी अस्वीक्रति से इतना परेशान हो जाता है कि उसे लगने लगता है कि उसमें कोई अच्छाई नही है लेकिन जब आप खुद को दपर्ण में देखकर मुस्कुराएंगे तो आपका आत्मविश्वास बढेगा और आन्त्रिक खुशी मिलेगी।

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बात करेगें तो अकेलापन दुर होगा:-

आइने के सामने खडे होकर खुद से बात करने से अकेलापन भी दुर होगा और आप खुश रहेगें। इसीलिए रोजाना कुछ देर आइने के सामने खडे होकर खुद से बात करें। इससे आपको खुद कि खुबियाँ पता चलेगी। स्टेनर्फोड युनिवर्सिटी कि हैल्थ रिसर्च बताती है कि आप जैसा महसुस करते है वैसा हि संदेश ब्रेन पुरे शरीर को देता है। यदि आप खुद को फिट मानते है तो यही संदेश ब्रेन पुरे शरीर को मिलता है। यदि आप खुद को सूदंर मानते है तो यही संदेश ब्रेन पुरे शरीर को मिलता है।   

अवचेतन मन को मजबुत बनाता है:-


कुछ मिनट खुद को दपर्ण में देखने का अभ्यास न केवल आपके अवचेतन मन को मजबुत बनाता है बल्कि आपमें आत्मविश्वास भी जगाता है। रोजाना इसका अभ्यास आपकी गहराई से खुद को प्यार करना, समझना,और स्वीकारना सीखता है। मिरर मेडिटेशन के लिए एक आदमकद दपर्ण के सामने खड़े हो जाए ,कधां और पीठ सीधी रखे फिर गहरी सांस ले और खुद को दर्पण में देखेे।

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सच्ची भावनाओं को महसुस करेगें:-

कई बार हम उन भावनाओं को समझने से बचते है ,जिनसे आप निपटना नही जानते है। जब आप दपर्ण के सामने खडे होकर खुद को देखते है तो आप ऐसी भावनाओं से बच नही सकते है जिन्हे आप खुद से छुपा रहे है इस तरह आप अपनी सच्ची भावनाओं को महसुस कर सकते है।

खुद की बीमारी का इलाज:-

जब आप दपर्ण के सामने खडे होकर खुद को देखते है तो आप को अपनी आन्तरिक /मन कि शक्ति को बढाने का मोका मिलता है आपकी रोगो से लडने कि शक्ति बढती है और आप रोग मुक्त रहते है। इससे आपकी आन्तरिक शक्ति बढती है मन में रोगो से लडने के लिए विश्वास जाग्रत होता है।

सुन्दरता में बढोत्तरी होती है:-


दपर्ण में खुद को कुछ देर देखने से आपकी सुन्दरता में बढोत्तरी भी हो सकती है क्यो कि ऐसा करने से आपको पता चलता है कि आपके चेहरे पर या किसी और जगह कोई दाग तो नही जो आपकी सुन्दरता को कम करता है 

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जब हम दपर्ण के सामने खड़े होते हैं, चूँकि हम अपारदर्शी होते हैं, प्रकाश की उपस्थिति में हमारा शरीर प्रकाश को प्रतिबिंबित करता है । दर्पण के मामले में जो अत्यधिक पॉलिश की गई सतह है, यह पूरी तरह से प्रकाश को प्रतिबिंबित करता है। इस प्रकार छाया नहीं बनती और जब यह प्रकाश हमारी आंखों तक पहुंचता है तो हमें अपना प्रतिबिंब दिखाई देता है।

अपने ऑटोस्कोपिक कार्य के कारण , दपर्ण ने सदियों से मनुष्यों को आकर्षित किया है (पेंड्रग्रास्ट, 2009)। दपर्ण के माध्यम से, हम अपने चेहरे और शरीर के दृश्य पहलुओं को देख सकते हैं जैसे अन्य लोग उन्हें देख सकते हैं और अपने बारे में एक बाहरी दृष्टिकोण प्राप्त कर सकते हैं।

लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद

ENGLISH TRANSLATION

It is believed that after waking up you have a dull look on your face and you are affected by negative energy. Therefore, looking at your face in the mirror increases this negative energy even more and your whole day does not go well. A mirror should never be placed right in front of the bed. There are mirror neurons in our brain that behave like a mirror, that is, they copy the action happening in front of them.

Mirror neurons present in our brain reflect the scene seen with the eyes. As we see ourselves from outside, we feel the same inside also. The best way for this is the mirror.mirror not only reflects the external beauty but also enhances the internal beauty. Let us know the health benefits of bathing yourself in the mirror every day for some time---

Will be able to know oneself:-

Looking in the mirror will help you understand and express your feelings. Mirror is the best way to express your feelings. When you are struggling with negative thoughts and you feel that no one is listening, then stand in front of the mirror and talk to yourself. You will realize that you were not like that. Your positive energy will increase again.

यह भी पढ़िए....................कैंसर क्या है? कैंसर से बचाव और उपचार के बारे में पढ़ें।\What is a cancer? read cancer to prevent and treat it.

You will see good things in yourself:-

Psychiatrists believe that if you start the day by looking at the mirror and smiling for 5 seconds every day, it activates the mirror neurons. It increases the level of positive hormones in the body. This removes negative thoughts. Sometimes a person gets so troubled by external rejection that he starts feeling that there is no good in him, but when you smile at yourself in the mirror, your confidence will increase and you will get inner happiness.

If we talk, loneliness will go away:-

Standing in front of the mirror and talking to yourself will remove loneliness and you will remain happy. That's why stand in front of the mirror for some time every day and talk to yourself. This will let you know your own qualities. Health research at Stanford University shows that the brain sends the same message to the entire body as you feel. If you consider yourself fit, then this message gets sent to the brain and the entire body. If you consider yourself beautiful, then the brain and the entire body receive the same message.     

Strengthens the subconscious mind:-

Practicing yourself in the mirror for a few minutes not only strengthens your subconscious mind but also instills confidence in you. Practicing it daily helps you learn to love, understand, and accept yourself from your depths. For mirror meditation, stand in front of a life-size mirror, keep your shoulders and back straight, then take a deep breath and look at yourself in the mirror.

यह भी पढ़िए.....................स्क्रीनिंग टाइम क्या होता है यह कैसे इतना खतरनाक होता जा रहा है ?\What is screening time? How is it becoming so dangerous?

Many times we avoid understanding those feelings that we do not know how to deal with. When you stand in front of the mirror and look at yourself, you cannot avoid the feelings that you are hiding from yourself, in this way you can feel your true feelings.

Treatment of own disease:-

When you stand in front of the mirror and look at yourself, you get a chance to increase your internal/mental strength, your power to fight diseases increases and you remain disease free. This increases your internal strength and awakens confidence in your mind to fight diseases.

Beauty increases:-

Looking at yourself in the mirror for some time can also enhance your beauty because by doing this you will know whether there is any stain on your face or anywhere else which reduces your beauty.

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When we stand in front of a mirror, since we are opaque, in the presence of light our body reflects the light. In case of mirror which has a highly polished surface, it reflects light perfectly. Thus shadow is not formed and when this light reaches our eyes we see our reflection.

Because of their autoscopic function, mirrors have fascinated humans for centuries (Pendergrast, 2009). Through mirrors, we can see visible aspects of our face and body as other people can see them and get an external view of ourselves.

Thank you for reading the article

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