अनुवांशिक बीमारियाँ (Genetic Diseases) वे बीमारियाँ होती हैं जिनकी वजह व्यक्ति के जननांग के अनुवांशिक संरचना में होती हैं। ये बीमारियाँ जीनों के मौजूद होने के कारण विशेषत: वांछित रूप से पिता या माता से उनके संतानों को प्राप्त हो सकती हैं। यह बीमारियाँ बच्चों से बूढ़ो तक किसी भी आयु में प्रकट हो सकती हैं और व्यक्ति के जीवन जीने की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं।
अनुवांशिक बीमारियाँ (Genetic Diseases) के कुछ मुख्य कारण हैं:-
विकर्मित जीन:-
कुछ जीन्स ऐसे होते हैं जिनमें म्यूटेशन होती है, जिससे वे विकर्मित हो जाते हैं और बीमारियों के लिए प्राधिकृत होते हैं। इन विकर्मित जीनों को बच्चों को उनके माता-पिता से मिलता है.
आराकषित जीन:-
कुछ जीन्स ऐसे होते हैं जिनमें विकर्मित जीनों के साथ नेचुरल जीन्स भी होते हैं, जिससे विकर्मित जीनों का प्रभाव कम हो सकता है।
ये बीमारियाँ विभिन्न तरीकों से फैल सकती हैं:-
आनुवांशिक:-
यदि किसी परिवार में एक व्यक्ति को किसी अनुवांशिक बीमारियाँ (Genetic Diseases) से पीड़ित करती है, तो उसकी संतानों को उसी बीमारी के खतरे का सामना करना पड़ सकता है.
परावर्तित:-
कुछ अनुवांशिक बीमारियाँ (Genetic Diseases) सिर्फ जब दोनों माता और पिता के जीनों में विकर्मित जीन होता है, तब ही उनके बच्चों को प्राप्त होती हैं।
नये म्यूटेशन:-
कुछ अनुवांशिक बीमारियाँ (Genetic Diseases) नयी म्यूटेशन के कारण भी हो सकती हैं, जिसे माता-पिता से प्राप्त नहीं होती हैं।
इन बीमारियों के बारे में सही जानकारी और जागरूकता महत्वपूर्ण है ताकि व्यक्ति और परिवार को सही तरीके से संभाला जा सके। आनुवांशिक परीक्षण और सलाह मदद कर सकती हैं जिन्हें इस प्रकार की बीमारियों के मामूली रिस्क को पहचानने और नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है।
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