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दशा-अन्तर्दशा व ग्रह-नक्षत्र हमारे जीवन और स्वस्थ क्या प्रभाव पड़ता है ?


ग्रहो के फल  देने का समय दो बार आना है एक बार अतःदशा में और दुसरा, हर ग्रह का उम्र के साथ संबन्ध होता है।

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उम्र के साथ सम्बन्ध:-

हर तरह का संबंध व्यक्ति की उम्र से होता है। उम्र के पड़ाव के आधार पर सम्बधित ग्रह अपना प्रभाव दिखाते है उसी के अनुसार फल मिलते है।

गुरुः-

जैसे गुरू ग्रह की बात करें तो यह 16 की उम्र में मैच्योर होता है तब कहा जाता है कि इस उम्र में व्यक्ति समझदार होने लगता है।

सुर्यः-

सुर्य कि उम्र 21 साल है इस दौरान जिम्मेदारीयां जुड़ने लगती है। इससे पहले व्यक्ति मौज मस्ती में समय बिताता है।

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चन्द्रमाः-

इसके लिए निर्धारित उम्र 24 साल है। इस उम्र में मन तथा भावनाओं पर नियत्रण जरुरी होता है। इससे पहले व्यक्ति मनमाने ढंग से जिंदगी जीता है।

मंगलः-

28 साल की उम्र में मंगल अपना प्रभाव दिखाता है। यर्ह उर्जा का स्त्रोत है। यह आदमी को जिम्मेदारीयो का बोध करवाते हुए क्रोध पर काबु पाने के लिए पे्ररित करता है 

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बुधः-

बुध ग्रह के लिए यह पैमाना 32 साल का है। यह बुद्धिमता का प्रदशन करता है। इस उम्र तक बुद्धि परिपक्व होना जरुरी है।

शनिः-

शनि के लिए 36 साल की उम्र का पैमाना तय किया गया है। यह जीवन में परिश्रम के साथ ही जिम्मेदारियों बोध भी करवाता है। 

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राहुः-

 राहु के लिए 42 साल की उम्र का पैमाना तय किया गया है। यह जीवन के उदद्धेश्य स्पष्ट करता है यह अध्यात्मिकता की ओर जाने के लिए आदमी को पे्ररित करता है।   

पढ़ने के लिए धन्यवाद

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