प्रश्न - क्या है ये चमकी बुखार (इन्फिएटिस )-
उत्तर - इन्फिएटिस एक दिमाग /मस्तिक से जुडी बुखार है | हमारे मस्तिक लाखो कोशिका और तंत्रिकाएँ है | जिनके सहारे शरीर के अंग काम करते है जब इन कोशिकाओं में सूजन आ जाती है तो इसे ही इन्फ्लून्जा इन्फिएटिस सिंड्रोम\चमकी \जापानी बुखार कहते है |
इन्फिएटिस वाइरस जब शरीर में पहुँचते है तो खून में इनका प्रजनन शुरू हो जाता है और इनकी संख्या में बढ़ोतरी होने लगती है और इन्फिएटिस वाइरस खून के जरिए मस्तिष्क में पहुंच कर तंत्रिका तंत्र को खराब करने लगता है
इन्फिएटिस एक गभीर बीमारी है जिसका तुरंत इलाज करना आवश्यक है | अगर देर की जाय तो मनुष्य की जान जा सकती है
बिहार में एक्यूट इन्फिएटिस के कारण ही हजारो बच्चो की जान चली गई |
यह बीमारी किसी को भी हो सकती है |
चमकी \जापानी बुखार \ इन्फिएटिस बीमारी का कारण -
एक रिपोर्ट के अनुसार जिन बच्चो ने ख़राब लीची का सेवन किया था और रा त को ठीक से खाना नहीं खाया \कुपोषण का पहले से शिकार थे और जिन बच्चो ने ख़राब लीची का सेवन किया था उन्हें यह वाइरस गिरफ्त में ले रहा है
चमकी \जापानी बुखार \ इन्फिएटिस बीमारी का लक्षण -
इस बुखार के लक्षण आसानी से पहचान में नहीं आते है | क्यों की यह वाइरस दिमाग के जिस हिस्से को प्रभावित करता है वह अलग अलग लक्षण प्रदर्शित करता है
मुख्य लक्षणों में सर चकराना ,सिर में हल्का या तेज दर्द होना ,बुखार आना व ठीक ना होना ,जी मिचलाना आदि | इनके आलावा शरीर में करंट जैसी जानाति या झटके महसूस होना ,धुंधला दिखना ,बेहोश हो जाना , चलते -चलते गिर जाना आदि |
चमकी \जापानी बुखार \ इन्फिएटिस बीमारी के फैलने का तरीका -
यह संक्रामक रोग है
यह संक्रमित मनुष्य के संपर्क जैसे -साथ रहना ,उलटी या खून से ,थूक ,मल -मूत्र ,छींक आदि के संपर्क से यह वाइरस फैलता है |
चमकी \जापानी बुखार \ इन्फिएटिस बीमारी के रोकथाम\उपचार -
इससे बचाव ही उपचार है |
सावधानी रखे और संक्रमित मनुष्य के संपर्क में आने से बचे ,मुँह पर मास्क व हाथो में दस्ताने पहने |
आस-पास साफ सफाई रखे ,मच्छरों को न पनपने दे |
रात को भर पेट खाना खाय ,ख़राब फलो का सेवन न करे |
उत्तर - इन्फिएटिस एक दिमाग /मस्तिक से जुडी बुखार है | हमारे मस्तिक लाखो कोशिका और तंत्रिकाएँ है | जिनके सहारे शरीर के अंग काम करते है जब इन कोशिकाओं में सूजन आ जाती है तो इसे ही इन्फ्लून्जा इन्फिएटिस सिंड्रोम\चमकी \जापानी बुखार कहते है |
इन्फिएटिस वाइरस जब शरीर में पहुँचते है तो खून में इनका प्रजनन शुरू हो जाता है और इनकी संख्या में बढ़ोतरी होने लगती है और इन्फिएटिस वाइरस खून के जरिए मस्तिष्क में पहुंच कर तंत्रिका तंत्र को खराब करने लगता है
इन्फिएटिस एक गभीर बीमारी है जिसका तुरंत इलाज करना आवश्यक है | अगर देर की जाय तो मनुष्य की जान जा सकती है
बिहार में एक्यूट इन्फिएटिस के कारण ही हजारो बच्चो की जान चली गई |
यह बीमारी किसी को भी हो सकती है |
चमकी \जापानी बुखार \ इन्फिएटिस बीमारी का कारण -
एक रिपोर्ट के अनुसार जिन बच्चो ने ख़राब लीची का सेवन किया था और रा त को ठीक से खाना नहीं खाया \कुपोषण का पहले से शिकार थे और जिन बच्चो ने ख़राब लीची का सेवन किया था उन्हें यह वाइरस गिरफ्त में ले रहा है
चमकी \जापानी बुखार \ इन्फिएटिस बीमारी का लक्षण -
इस बुखार के लक्षण आसानी से पहचान में नहीं आते है | क्यों की यह वाइरस दिमाग के जिस हिस्से को प्रभावित करता है वह अलग अलग लक्षण प्रदर्शित करता है
मुख्य लक्षणों में सर चकराना ,सिर में हल्का या तेज दर्द होना ,बुखार आना व ठीक ना होना ,जी मिचलाना आदि | इनके आलावा शरीर में करंट जैसी जानाति या झटके महसूस होना ,धुंधला दिखना ,बेहोश हो जाना , चलते -चलते गिर जाना आदि |
चमकी \जापानी बुखार \ इन्फिएटिस बीमारी के फैलने का तरीका -
यह संक्रामक रोग है
यह संक्रमित मनुष्य के संपर्क जैसे -साथ रहना ,उलटी या खून से ,थूक ,मल -मूत्र ,छींक आदि के संपर्क से यह वाइरस फैलता है |
चमकी \जापानी बुखार \ इन्फिएटिस बीमारी के रोकथाम\उपचार -
इससे बचाव ही उपचार है |
सावधानी रखे और संक्रमित मनुष्य के संपर्क में आने से बचे ,मुँह पर मास्क व हाथो में दस्ताने पहने |
आस-पास साफ सफाई रखे ,मच्छरों को न पनपने दे |
रात को भर पेट खाना खाय ,ख़राब फलो का सेवन न करे |
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